वार्ता:कृष्ण
विषय जोड़ेंदिखावट
Latest comment: 5 वर्ष पहले by Pavitra Maheshwari in topic स्वरचित श्री कृष्ण आरती ( माँ देवकी वसुदेव सुत की हम उतारें आरती)
श्री मद्भागवत महापुराण जी की स्वरचित आरती(भागवत रूप गंगा की धार)
[संपादित करें]आरती
भागवत् रूप गंगा की धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार आरती वन्दन स्वीकार करो तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
1 पावन पुनीत है शान्ति गीत
मनभावनी ये भक्तों की प्रीति ये कल्पवृक्ष वेदों का सार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
2 समता का भाव देने वाली
भव रोग छुड़ा देने वाली ये ब्रह्म शास्त्र खोले प्रभु के द्वार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
3 पापों का हरण करने वाली
सबका मंगल करने वाली दैवी सम्पति है स्नेह धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार ।। ओउम् परमात्मने नमः ।। Pavitra Maheshwari (वार्ता) 08:42, 6 दिसम्बर 2019 (UTC)
श्री मद्भागवत महापुराण जी की आरती ( भागवत् रूप गंगा की धार)
[संपादित करें]ओउम् श्री परमात्मने नमः आरती
भागवत् रूप गंगा की धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार आरती वन्दन स्वीकार करो तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
1 पावन पुनीत है शान्ति गीत
मनभावनी ये भक्तों की प्रीति ये कल्पवृक्ष वेदों का सार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
2 समता का भाव देने वाली
भव रोग छुड़ा देने वाली ये ब्रह्म शास्त्र खोले प्रभु के द्वार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
3 पापों का हरण करने वाली
सबका मंगल करने वाली दैवी सम्पति है स्नेह धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
जय श्री कृष्ण Pavitra Maheshwari (वार्ता) 08:50, 6 दिसम्बर 2019 (UTC)
स्वरचित श्री कृष्ण आरती ( माँ देवकी वसुदेव सुत की हम उतारें आरती)
[संपादित करें]श्री कृष्ण को कोटि- कोटि नमन स्वरचित आरती
माँ देवकी वसुदेव सुत की, हम उतारें आरती श्री नन्द और यसोदा ललन की, हम उतारें आरती
1 मोर मुकुट बिराजे मस्तक, अधर मुरली है सजी
पीत वसन सजे हैं तन पर, माल वैजयन्ती सजी
2 वेणु सुर में बाँध वृज को ,मन्त्र मोहित सा किया
रास गोपिन संग रचाकर, ब्रह्म का दर्शन दिया
3 सारथी बनकर पार्थ को, ज्ञान गीता का दिया
विश्व का दर्शन दिखाकर, धन्य अर्जुन को किया Pavitra Maheshwari (वार्ता) 12:52, 6 दिसम्बर 2019 (UTC)