वार्ता:इग्नाइटेड माइंडस

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  • किताब एक दुख बरी नोट के साथ शुरू होता है | 30 सितंबर, 2001 पर कलाम के हेलीकाप्टर, रांची, झारखंड राज्य से अपने रास्ते पर थे, जबकि भारत से बोकारो जने वाला हेलीकाप्टर को दुर्घटना हो गही मगर उस्मै सभी चमत्कारिक ढंग से बचे | वुस रात को उने एक ट्रैंक्विलाइज़र दिये, कलाम साब वहा एक ज्वलंत सपना का याद करते है | उन्होंने जो खुद देखे है वहा के रेगिस्तान में उसी को लिख्ते है जैसे "विथ मिल्स ऑफ़ सांड आल अराउंड,’ एंड तेरे स्टूड फाइव मेंन, नमेली, "एम्परर अशोका", "महात्मा गांधी", "अल्बर्ट आइंस्टीन", "अब्राहम लिंकन" एंड "क्यालीफ ओमर"।(with miles of sand all around,’ and there stood five men, namely, Emperor Ashoka, Mahatma Gandhi, Albert Einstein, Abraham Lincoln and Caliph Omar)। कलाम उनकी उपस्थिति मे बहुत चोट माने थै,और इन महान व्यक्तित्व लोगों के बाते याद करते है।
  • अगले अध्याय में माँ, पिता और प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों रोल मॉडल के रूप में जोर दिया गया है।
  • तीसरे अध्याय बताता है कि "विज़न इग्निट्स दी माइंडस"(Vision ignites the minds),और आधुनिक भारतीय दूरदर्शी जैसे "जे . हर . डी . टाटा" , "विक्रम साराभाई" , "सतीश धवन" और "डॉ . वेर्गेसे कुरियन" ।
  • पुस्तक के अगले भाग में हम हमारे देश के आध्यात्मिक विरासत के बारे में देख सक्ते है और भारत की अंतर्निहित ताकत पर आधारित विकास का एक मॉडल विकसित किया है।
  • पुस्तक के पांचवें अध्याय हमे उपदेश देता है की एक अरब(one billion) लोगों के एक राष्ट्र का गठन भीड़ धर्मों और विचारधाराओं के साथ एक "राष्ट्रीय दृष्टि" को विकसित करने और एक" राष्ट्रीय फोरम" में मिलान।
  • अगले अध्याय एक तिरुक्कुरल के साथ शुरू होता है, जो बताता है कि "विजडम इस अ वेपन टु वार्ड ऑफ डिस्ट्रक्शन इत्स इस अन इनर फोर्ट्रेस व्हिच एनएमईएस कन्नोट डिस्ट्रॉय "(Wisdom is a weapon to ward off destruction;It is an inner fortress which enemies cannot destroy)।
          यह अध्याय पाठकों को याद दिलाता है कि प्राचीन भारत के एक बात ता कि "सभ्यता के लिए एक महान योगदान जिसे ज्ञान समाज कहा जात है"।
  • सातवें अध्याय का शीर्षक लाइन "अब्राहम लिंकन"(Abraham Lincoln) के निम्न प्रेरणादायक शब्दों द्वारा शूरू होत है जैसे "पेह्ले हमे निर्धारित बातें कर देना चहिए और फिर हम रास्ता डूंड्ना चाहीए"(Determine that things can and shall be done, and then we shall find the way)।
  • आठवें अध्याय उपदेश देता है कि मानसिकता में बदलाने और व्यावहारिक जोखिम लेने का परिणाम सफलता सै मिलाता है।
  • नौवें और आखिरी अध्याय शुरू होत है एक कैप्शन लाइन के साथ "मेरे देशवासियों को"(To My Countrymen)और कुछ शब्दों के साथ शुरू होता है जिने नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर जी लिखे है "मेरे देश जागे"(let my country awake)।
  • किताब इन शब्दों के साथ कतम होत है कि "सांग ऑफ़ युथ"(Song of Youth) जैसे,
                                            अस अ यंग सिटीजन ऑफ़ इंडिया ,                    As a young citizen of India,
                                       आर्म्ड विथ टेक्नोलॉजी एंड लव फॉर माय नेशन ,       armed with technology and love for my nation,
                                        हइ रेआलीज़े , अ स्माल एम इस अ क्राइम               I realize, a small aim is a crime