सामग्री पर जाएँ

लोक धर्म

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
ट्यूनीशिया में लटका हुआ हम्सा

लोक धर्म धार्मिक अध्ययनों और लोक कथाओं में लोक धर्म तथा पारंपरिक या स्थानीय धर्म, धर्म की अभिव्यक्तियाँ हैं जो संगठित धर्म के आधिकारिक सिद्धांतों और प्रथाओं से अलग होती हैं। इसे कभी-कभी लोकप्रिय विश्वास भी कहा जाता है। लोकधर्म में धर्म की छत्रछाया में जातीय या क्षेत्रीय धार्मिक रीति-रिवाज होते हैं, जो आधिकारिक सिद्धांतों और प्रथाओं से अलग होते हैं। लोकधर्म की सटीक परिभाषा विद्वानों के बीच भिन्न होती है, और यह विविध सांस्कृतिक और धार्मिक संदर्भों में भिन्न रूपों में व्यक्त होता है।[1]

"लोकधर्म" के दो संबंधित विषय है। पहला, लोक संस्कृति का धार्मिक आयाम या धर्म का लोक-सांस्कृतिक पक्ष। दूसरा,‌ औपचारिक धर्म और लोक संस्कृति के समन्वय का अध्ययन, जिसके माध्यम से अफ्रीकी धर्म और रोम के पौराणिक धर्म का विकास हुआ। चीन में लोकधर्म ताइपिंग विद्रोह के साथ उभरा।[2]

लोक धर्म शब्द से जुड़ी समस्याएं

[संपादित करें]

लोक धर्म शब्द के उपयोग में समस्या यह है कि यह उन विद्वानों के दृष्टिकोण से मेल नहीं खाता जो धर्म को केवल संगठित रूप में देखते हैं। समाजशास्त्री एमिल दुर्खीम जैसे विचारकों ने धर्म को संगठित व्यवस्था और जादू से अलग मानने पर जोर दिया। दुर्खीम के अनुसार, धर्म और जादू में यह अंतर आवश्यक था। ऐसे दृष्टिकोण अपनाने वाले विद्वान लोक परंपराओं को "लोक धर्म" के बजाय "लोक विश्वास" के रूप में देखना अधिक उचित समझते हैं। यह मतभेद "धर्म" की परिभाषा और इसकी व्यापकता को लेकर उत्पन्न होता है।

  1. बोमन, मैरियन (2004). "अध्याय 1: घटना विज्ञान, क्षेत्रानुसंधान और लोक धर्म।". प्रकाशित सटक्लिफ़, स्टीवन (संपा॰). धर्म का अनुभवजन्य अध्ययन. एशगेट पब्लिशिंग. पपृ॰ 3–4. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7546-4158-2.
  2. डून, इ॰ (2015). लाइटनिंग फ़्रॉम द ईस्ट: हेटेरोडॉक्सी एंड क्रिस्चियनिटी इन कंटेम्परी चीन. चीनी समाज का धर्म. ब्रिल. पृ॰ 117. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-90-04-29725-8. मूल से 2023-03-01 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2024-08-28.