लीलाधर जगूड़ी
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लीलाधर जगूड़ी | |
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जन्म |
1 जुलाई 1940 धंगड़गाँव, टिहरी-गढ़वाल जिला, उत्तराखंड |
पेशा |
हिंदी कवि साहित्यकार |
कार्यकाल | 1964 से |
पुरस्कार |
पद्मश्री साहित्य अकादमी पुरस्कार रघुवीर सहाय सम्मान भारतीय भाषा परिषद् शतदल सम्मान Namit Puraskar आकाशवाणी पुरस्कार |
वेबसाइट Official website |
लीलाधर जगूड़ी साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हिन्दी कवि है जिनके कृति अनुभव के आकाश में चांद को १९९७ मे पुरस्कार प्राप्त हुआ।[1]
जितने लोग उतने प्रेम (काव्य संग्रह -2013)- के लिए के० के० बिरला फाउण्डेशन द्वारा 2018 का व्यास सम्मान (28 वाँ) मिला | उनका जन्म 1 जुलाई 1940 को धंगड़, टिहरी-गढ़वाल जिला, उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में कई कविता, गद्य व नाटक लिखे हैं, जिनमें प्रमुख उनकी कविता संग्रह अनुभव के आकाश में चांद है।
प्रमुख कृतियाँ
[संपादित करें]- कविता संग्रह: शंखमुखी शिखरों पर, नाटक जारी है, इस यात्रा में, रात अब भी मौजूद है, बची हुई पृथ्वी, घबराए हुए शब्द, भय भी शक्ति देता है, अनुभव के आकाश में चाँद, महाकाव्य के बिना, ईश्वर की अध्यक्षता में, खबर का मुँह विज्ञापन से ढँका है
- नाटक: पाँच बेटे
- गद्य: मेरे साक्षात्कार
सम्मान
[संपादित करें]लीलाधर जगूड़ी को हिंदी साहित्य हेतु विभिन्न पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें प्रमुख हैं:
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (1997) (अनुभव के आकाश में चांद काव्य)
- पद्मश्री सम्मान
- रघुवीर सहाय सम्मान
- भारतीय भाषा परिषद् शतदल सम्मान
- नमित पुरस्कार
- आकाशवाणी पुरस्कार
- व्यास सम्मान (2018 जितने लोग उतने प्रेम)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Sahitya Akademi Awards 1955-2016" [साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९५५-२०१६)]. साहित्य अकादमी (in अंग्रेज़ी). १ अगस्त २०१७. Archived from the original on 4 मार्च 2016. Retrieved १ अगस्त २०१७.
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