लट्ठमार होली
लट्ठमार होली | |
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बरसाना के राधा रानी मंदिर में लट्ठमार होली | |
अनुयायी | हिन्दू |
प्रकार | धार्मिक, सांस्कृतिक, वसंत उत्सव |
उत्सव | नंदगाँव के पुरुषों पर बरसाना की महिलाओं द्वारा रंगों का छिड़काव, चंचलता से लाठियाँ चलाना, नृत्य इत्यादि |
तिथि | 28 फरवरी (2023) |
आवृत्ति | हर साल |
प्रारंभ किया | राधा कृष्ण |
समान पर्व | होली |
लट्ठमार होली भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह बरसाना और नंदगाँव में विशेष रूप से मनाया जाता है। इन दोनों ही शहरों को राधा और कृष्ण के निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है।[1][2][3]
तिथि
[संपादित करें]लट्ठमार होली हर साल होली के त्योहार के समय बरसाना और नंदगाँव में खेला जाता है। इस समय हजारों श्रद्धालु और पर्यटक देश-विदेश से इस त्योहार में भाग लेने के लिए यहाँ आते हैं। यह त्योहार लगभग एक सप्ताह तक चलता है और रंग पंचमी के दिन समाप्त हो जाता है। आमतौर पर बरसाना की लट्ठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस दिन नंदगाँव के ग्वाल बाल बरसाना होली खेलने आते हैं और अगले दिन फाल्गुन शुक्ल दशमी को ठीक इसके विपरीत बरसाना के ग्वाल बाल होली खेलने नंदगाँव जाते हैं। इस दौरान इन ग्वालों को होरियारे और ग्वालिनों को हुरियारीन के नाम से सम्बोधित किया जाता है।[1][4][5]
उत्पत्ति
[संपादित करें]लट्ठमार होली की उत्पत्ति के विषय में पौराणिक कथाओं में विस्तार से वर्णन दिया गया है, जो मूलतः राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंगों से जुड़ा है। कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण और उनके मित्र नंदगाँव से अपनी प्रेमिका राधा और उनकी सखियों पर रंगों का छिड़काव करने के लिए बरसाना आते हैं। लेकिन जैसे ही कृष्ण और उनके मित्र बरसाना में प्रवेश करते हैं तो वहाँ राधा और उनकी सखियाँ उनका लाठियों से स्वागत करती हैं। इसी हास्य विनोद का अनुसरण करते हुए, हर साल होली के अवसर पर नंदगाँव के ग्वाल बाल बरसाना आते हैं और वहाँ की महिलाओं द्वारा रंग और लाठी से उनका स्वागत किया जाता है।[1][6]
चित्रदीर्घा
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कृष्ण मंदिर में रंग से सराबोर लोग
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लट्ठमार के दौरान पुरुषों का इंतजार करती महिलाएँ
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लाठियों का प्रयोग करती महिलाएँ
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बरसाना में रंग उत्सव
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ "लट्ठमार होली क्या है? इसे क्यों मनाया जाता है?". इण्डिया टुडे. 21 मार्च 2016. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2017.
- ↑ "12 Mind-Blowing Photos From India's Holi Festival" [भारत के त्योहार होली की 12 आश्चर्यजनक तस्वीरें]. HuffPost (अंग्रेज़ी में). 13 मार्च 2014. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2023.
- ↑ "Radha Rani Mandir Barsana | Barsana Temple | how to reach, timings" [राधा रानी मंदिर बरसाना। कैसे पहुंचे बरसाना मंदिर, समय की जानकारी]. thedivineindia.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-02-17.
- ↑ "Lathmar Holi 2023: लट्ठमार होली कब है और क्यों मनाई जाती है? जानें इस पर्व का खास महत्व". प्रभात खबर. 26 फरवरी 2023. अभिगमन तिथि 20 जुलाई 2023.
- ↑ बरसाने के अगले दिन क्यों नंदगांव में खेली जाती है लट्ठमार होली
- ↑ "Lathmar Holi 2023 बरसाना में लट्ठमार होली आज जानिए राधा और श्री कृष्ण से जुड़ा इसका इतिहास". Jagran. अभिगमन तिथि 20 जुलाई 2023.[मृत कड़ियाँ]