लक्ष्मीशंकर मिश्र

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डॉ लक्ष्मीशंकर मिश्र 'निशंक' (21 अक्टूबर 1918 - ३० दिसम्बर २०११) हिन्दी के साहित्यकार थे। वे 'साहित्य भूषण' के साथ ही हिन्दी संस्थान का 'भारत भारती' जैसे सर्वोच्च सम्मानों से सम्मानित थे।

जीवन परिचय[संपादित करें]

श्री लक्ष्मीशंकर मिश्र का जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के भगवंतनगर में हुआ था। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली। हिन्दी में सवैया साहित्य पर उन्होंने शोध किया। इसके बाद कान्यकुब्ज डिग्री कालेज में 1979 तक उन्होंने शिक्षक के रूप में कार्य किया।

कृतियाँ[संपादित करें]

  • प्रबन्ध काव्य : सुमित्रा
  • खण्ड काव्य : सिद्धार्थ का गृहत्याग, शांतिदूत, जयभरत, कर्मवीर भरत, संकल्प की विजय,
  • आत्मकथा : काव्य प्रज्ञा उद्भास (विभीषण की आत्मकथा),
  • मुक्तक काव्य : शतदल, क्रांतिदूत राना बेनीमाधव, अनुपमा, शंख की सॉस, दर्पण, रामलला की किलकारी, मेरी आरम्भिक कविताएं व तूणीर,
  • ब्रजभाषा काव्य : प्रेम पियूष, बांसुरी,
  • अवधी : काव्य पुरवाई,
  • गद्य साहित्य : साहित्यकार का दायित्व (निबंध संग्रह), संस्मरणों का दीप (संस्मरण)