लकड़ी की नक्काशी


लकड़ी की नक्काशी अफ्रीकी हस्तकला एक उदाहरण है यह लकड़ी पर की जाने वाली एक कला है। इसमें चाकू, छेनी, जैसे औजारों की मदद से लकड़ी को काटकर इसपर उत्कृष्ट नक्काशी की जाती हैं। यह कला सजावट के लिए या किसी वस्तु को खूबसूरत बनाने के लिए की जाती है।
लकड़ी की नक्काशी एक प्राचीन और व्यापक रूप से प्रचलित कला है, जिसे विभिन्न संस्कृतियों में लंबी अवधि से किया जाता रहा है। हालांकि, लकड़ी को पत्थर और कांस्य जैसे अन्य प्रमुख सामग्रियों की तुलना में अधिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। यह क्षय, कीटों और आग जैसी समस्याओं के प्रति संवेदनशील होती है, जिस कारण इसकी नक्काशी कला समय के साथ नष्ट होती गयी।[1]
विशेषताएं
[संपादित करें]लकड़ी की नक्काशी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे बनाने में समय कम लगता है और यह पत्थर की तुलना में अधिक मुलायम और उकेरने में आसान होती है। इसकी रेशेदार संरचना के कारण, इसे बेहद पतला और सटीक रूप से उकेरा जा सकता है, जिससे मूर्तिकार को नक्काशी करने में आसानी होती है। लकड़ी के द्वारा बनाए गए मूर्तियाँ और अन्य वस्तुएं विशेष रूप से इस वजह से लोकप्रिय होती है, क्योंकि ये वजन में हल्की होती हैं।[2] लार्च से बनी शिगीर मूर्ति, 12,000 वर्ष पुरानी लकड़ी की नक्काशी है।
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ उदाहरण के लिए देखें मार्टिन रॉबर्टसन कृत, ग्रीक कला का संक्षिप्त इतिहास, पृष्ठ॰ 9, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय प्रेस, 1981, ISBN 0-521-28084-2, ISBN 978-0-521-28084-6 Google books
- ↑ "लकड़ी की नक्काशी: इतिहास, प्रकार, विशेषताएँ". www.visual-arts-cork.com. अभिगमन तिथि 2023-08-09.