रोम हर्षण

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वेद व्यास के विद्वान शिष्य महान ज्ञानी तपस्वी, रोमहर्षण सूत जी नैमिषारण्ये मे वहां के कुलपति शौनक जी के अनुरोध में 18 पुराणों की कथा सुनाई