रासायनिक ऊष्मागतिकी

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जे विलार्ड गिब्ब्स को रासायनिक ऊष्मागतिकी का जनक माना जाता है।

रासायनिक ऊष्मागतिकी (chemical thermodynamics) में रासायनिक अभिक्रियाओं के सन्दर्भ में ऊष्मा और कार्य के अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। इसमें ऊष्मागतिकी के नियमों के अन्तर्गत प्रावस्थाओं (states) के भौतिक परिवर्तन का भी अध्ययन किया जाता है। रासायनिक ऊष्मागतिकी में विभिन्न ऊष्मागतिक गुणों की प्रयोगशाला माप के साथ-साथ रासायनिक प्रश्नों के अध्ययन के लिए गणितीय तरीकों का उपयोग और प्रक्रियाओं की सहजता/कठिनता का अध्ययन भी किया जाता है।

रासायनिक ऊष्मागतिकी की संरचना उष्मागतिकी के पहले दो नियमों पर आधारित है। ऊष्मगतिकी के प्रथम एवं द्वितीय नियमों से आरम्भ करके, "गिब्स के मूलभूत समीकरण" नामक चार समीकरण प्राप्त किए जा सकते हैं। अपेक्षाकृत सरल गणित का उपयोग करके इन चार समीकरणों से अनेकानेक समीकरण प्राप्त किए जा सकते हैं। मोटे तौर पर यही रासायनिक ऊष्मागतिकी की गणितीय रूपरेखा है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]