राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची
NITT Seal | |
प्रकार | सार्वजनिक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान |
---|---|
स्थापित | 1964 |
Director Incharge | Dr. V. Sivan |
शैक्षिक कर्मचारी | 246[1] |
छात्र | 3,457 |
स्नातक | 2,190[1] |
परास्नातक | 1,267[1] |
स्थान | तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु, भारत |
परिसर | 800 एकड़ (3.2 कि॰मी2) |
जालस्थल | www.nitt.edu |
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली (एनआईटीटी), जो पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुचिरापल्ली था, भारत के तिरुचिरापल्ली शहर में स्थित एक सार्वजनिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इस संस्थान की स्थापना 1964 में देश की तकनीकी जनशक्ति की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए की गयी थी।[2] आज यह भारत के 18 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है और इसे 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' के रूप में मान्यता दी जाती है। संस्थान में लगभग 3,400 छात्र विभिन्न पूर्वस्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में नामांकित हैं।[1] एनआईटीटी को नियमित रूप से देश के शीर्ष 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थान दिया जाता रहा है।[3][4][5]
यह संस्थान तिरुचिरापल्ली के बाहरी इलाके में एक 800-एकड़ (3.2 कि॰मी2) परिसर पर स्थित है। अधिकांश छात्र परिसर के आवासीय छात्रावासों में रहते हैं। यहाँ 35 से अधिक ऐसे छात्र समूह हैं जो विभिन्न गतिविधियों और रुचियों को पूरा करने में जुटे हुए हैं। संस्थान वार्षिक सांस्कृतिक और तकनीकी समारोहों का भी आयोजन करता है जो देश और विदेश के प्रतिभागियों को आकर्षित करता है।
संस्थान में १३ विभाग हैं और यह सिविल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग, विद्युत और इलैक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, धातुकर्मीय उत्पादन इंजीनियरिंग, रसायन इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमैन्टेशन और कंट्रोल इंजीनियरिंग, विषयों में चार वर्षीय अवर स्नातक पाठयक्रमों और बी.आर्क. में पांच वर्षीय पाठयक्रम का संचालन करता है। इस संस्थान को एआईसीटीई गुणवत्ता सुधार स्कीम के तहत विभिन्न स्नातकोत्तर पाठयक्रमों और डाक्टोरल पाठयक्रमों के लिए अन्य शैक्षिक संस्थानों से शिक्षकों को प्रवेश देने के लिए भी मान्यता दी गई है।[6]
इतिहास
[संपादित करें]तिरुचिरापल्ली में रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना 1964 में भारत सरकार और तमिलनाडु की सरकार के बीच एक सहकारिता उद्यम के रूप में की गयी थी। इसका मकसद देश की तकनीकी जनशक्ति की जरूरतों को पूरा करना था। तेजी से विकास से लक्ष्य को हासिल करने के लिए कॉलेज को वित्तीय और प्रशासनिक मामलों में स्वायत्तता प्रदान की गयी थी। 2003 में इस संस्थान को यूजीसी/एआईसीटीई की मंजूरी के साथ डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और इसका नाम बदलकर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर दिया गया।[2] संस्थान के मौजूदा अध्यक्ष अशोक लेलैंड लिमिटेड के श्री आर. सेशासाई हैं जिन्हें इस जिम्मेदारी के लिए 2005 में चुना गया था। डॉ॰ एम. चिदंबरम 2005 से ही संस्थान के निदेशक बने हुए हैं। यह संस्थान मौजूदा समय में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम) (टीईक्यूआईपी) के जरिये तीव्र विकास के दौर से गुजर रहा है।[2][7]
शैक्षणिक कार्यक्रम
[संपादित करें]एनआईटीटी इंजीनियरिंग, विज्ञान, वास्तुकला और प्रबंधन के क्षेत्र में फैले कई विषयों में पूर्वस्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश करता है। संस्थान में 16 विभागों[8] के साथ लगभग 250 प्राध्यापक और 3,400 से अधिक छात्र नामांकित हैं।[1] वर्ष 2008 तक बी.टेक. कार्यक्रम के लिए वार्षिक नामांकन 530 था जहां छात्र-प्राध्यापक का अनुपात 14:1 था।[9]
संस्थान में अनुसंधान कार्य काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर), डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) सहित प्रमुख सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रायोजित किये जाते हैं; 2006-2007 में इन एजेंसियों द्वारा प्राप्त अनुसंधान संबंधी अनुदान की राशि एक करोड़ भारतीय रुपयों ( 1,00,00,000; लगभग 200,000 अमेरिकी डॉलर (US$)) से ज्यादा हो गयी थी।[10]
संस्थान का प्रशिक्षण एवं नियोजन विभाग कंपनियों के लिए छात्रों की नियुक्ति के क्रम में संस्थान के परिसर में साक्षात्कारों का आयोजन करता है; परिसर में आने वाली कंपनियों में गोल्डमैन सैक्स, मारुति सुजुकी, माइक्रोसॉफ्ट और शलम्बर्गर जैसी अपने क्षेत्र की अग्रणी कम्पनियां शामिल होती हैं। 2006-07 में साक्षात्कार के लिए पंजीकृत छात्रों में से 99% पूर्वस्नातकों और 95% स्नातकों को नौकरियों की पेशकश की गयी थी। 2008-09 में ये आंकड़े क्रमशः 90% और 75% थे।[11]
पूर्वस्नातक कार्यक्रम
[संपादित करें]संस्थान नौ इंजीनियरिंग विषयों में बी.टेक. की डिग्री के साथ-साथ अपने वास्तुकला (आर्किटेक्चर) कार्यक्रम के जरिये बी आर्क. की डिग्री प्रदान करता है। इन कार्यक्रमों में प्रवेश अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (एआईईईई) के माध्यम से दिया जाता है। एनआईटीटी भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित आरक्षण नीति का अनुसरण करता है जिसके अनुसार 27% सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए, 15% अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए और 7.5% अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। संस्थान भारत सरकार द्वारा प्रदान की जानेवाली छात्रवृत्ति के जरिये विदेशी नागरिकों को और डायरेक्ट एडमिशन फॉर स्टूडेंट्स एब्रोड (डीएएसए) नामक एक स्वतंत्र योजना के जरिये प्रवासी भारतीयों को भी अपने यहाँ दाखिला देता है।[12][13]
बी.टेक. कार्यक्रम एक चार-वर्षीय कार्यक्रम है जबकि बी.आर्क. कार्यक्रम की अवधि पांच वर्ष है। बी.टेक. कार्यक्रम का प्रथम वर्ष सभी विषयों के लिए एक समान होता है जिसके दौरान छात्रों को इंजीनियरिंग, गणित और प्रोफेशनल कम्युनिकेशन में बुनियादी पाठ्यक्रम लेना आवश्यक होता है।[14]
स्नातक कार्यक्रम
[संपादित करें]संस्थान 23 विषयों[1] में स्नातक कार्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें विज्ञान और इंजीनियरिंग में 21 कार्यक्रम शामिल हैं जिनमें क्रमशः एम.एससी. या एम.टेक. डिग्री के साथ-साथ एक कार्यक्रम कंप्यूटर एप्लिकेशन (एमसीए) और प्रबंधन (एमबीए) का कराया जाता है। डॉक्टरेट कार्यक्रमों की पेशकश सभी विषयों में की जाती है।
स्नातक प्रवेश एम.टेक. और एम.एससी. कार्यक्रमों के लिए ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) (जीएटीई) के जरिये और एम सी ए कार्यक्रम के लिए एनआईएमसीईटी (निमसेट) के जरिये दिए जाते हैं।
रैंकिंग
[संपादित करें]2010 में इंडिया टुडे और नेल्सन कंपनी द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में एनआईटीटी को भारत के 12वें सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज का दर्जा दिया गया था।[3] इसी तरह का एक अध्ययन 2009 में एजुकेशन टाइम्स और जीएफके (GfK) द्वारा किया गया जिसमें इस संस्थान को छठा स्थान[4] दिया गया जबकि उसी वर्ष आउटलुक इंडिया ने इसे 15वां स्थान दिया.[5]
इंडियन यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स |
! 2010 ! 2009 ! 2008 ! 2007 ! 2006 |- ! इंडिया टुडे - भारत का सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज | 12[3] | 17[3] | 12[3] | 10[3] | 13[3][15] | |- ! एजुकेशन टाइम्स - सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय (सम्पूर्ण भारत) | | 6[4] | | | | |- ! आउटलुक इंडिया - श्रेष्ठ इंजीनियरिंग कालेज | | 15[5] | | 12[16] | | |- ! डेटाक्वेस्ट - भारत का सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी स्कूल | | | | | | 8[17] |}
परिसर
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एनआईटीटी परिसर तिरुचिरापल्ली के बाहरी इलाके में थुवाकुड़ी के पास स्थित है। यह परिसर 800 एकड़ (3.2 कि॰मी2) में फैला हुआ है और यह भारत में सबसे बड़ा परिसर है।[उद्धरण चाहिए] मुख्य प्रवेश द्वार परिसर के दक्षिणी छोर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 67 के सामने स्थित है।
प्रशासनिक भवन (जो एड-ब्लॉक के रूप में लोकप्रिय है) अपने प्रतिष्ठित क्लॉक टावर के साथ संस्थान के विशेष आकर्षणों (लैंडमार्क्स) में से एक है। इसी इमारत में प्रशासनिक कार्यालय और निदेशक एवं डीन के कार्यालय भी स्थित हैं। इमारत के पश्चिमी एवं पूर्वी क्षेत्रों में क्रमशः भौतिकी एवं रसायन शास्त्र के विभाग बने हुए हैं।[18][19]
शैक्षणिक सुविधाएं
[संपादित करें]संस्थान की शैक्षणिक सुविधाएं परिसर के दक्षिणी हिस्से में स्थित हैं; इनमें विभागों के भवन, प्रयोगशालाएं, व्याख्यान कक्ष, कंप्यूटर सेंटर और केन्द्रीय पुस्तकालय शामिल हैं। केन्द्रीय पुस्तकालय के अतिरिक्त प्रत्येक विभाग का अपना एक अलग पुस्तकालय है जिनमें प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में पुस्तकों, पत्रिकाओं और जर्नल्स सहित एक लाख (100,000) से अधिक संसाधन मौजूद हैं।[20]
ऑक्टागौन संस्थान का प्रमुख कंप्यूटर केंद्र है जिसमें छात्रों के इस्तेमाल के लिए आठ कंप्यूटर लैब, प्रिंटिंग सुविधाएं और विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर मौजूद हैं। ऑक्टागौन, पूरे परिसर को लैन (एलएएन) के माध्यम से जोड़ने के लिए एक केंद्रीय हब के रूप में भी कार्य करता है।[21] 1990 में खोली गयी मूल व्यवस्था को 2006 में दूसरी इमारत में विस्तारित किया गया था; छात्रों के नामांकन के मद्देनजर इस व्यवस्था को आगे और भी विस्तार दिए जाने की योजनाएं हैं।[22]
एथलेटिक सुविधाएं
[संपादित करें]संस्थान की ज्यादातर एथलेटिक सुविधाएं स्पोर्ट्स सेंटर के आसपास स्थित हैं। सेंटर के अंदर ही इनडोर बैडमिंटन कोर्ट और एक फिटनेस सेंटर शामिल है। भवन से सटे एक 25-मीटर (82 फीट) स्विमिंग पूल और एक आउटडोर स्टेडियम 400-मीटर (1,300 फीट) ट्रैक के साथ शामिल है जिसे एक क्रिकेट के मैदान के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।[23] परिसर में मौजूद अन्य सुविधाओं में एक बास्केटबॉल कोर्ट और आवासीय छात्रावासों में इनडोर टेबल टेनिस के टेबल शामिल हैं।
आवासीय एवं अन्य सुविधाएं
[संपादित करें]छात्रों, प्राध्यापकों और संस्थान के कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाएं परिसर के अंदर प्रदान की जाती हैं। परिसर के अंदर ज्यादातर छात्र आवासीय छात्रावासों में रहते हैं। यहाँ कुल मिलाकर 17 छात्रावास (लड़कों के लिए 16 और लड़कियों के लिए एक) हैं जिनमें लगभग 3,500 रहते हैं।[24] लड़कियों के छात्रावास के अपवाद के साथ अन्य सभी छात्रावास परिसर के उत्तरी दिशा में स्थित हैं। भोजन हॉस्टल के आसपास स्थित नौ भोजनालयों द्वारा वितरित किया जाता है। इसके अतिरिक्त परिसर में दो कैफेटेरिया भी हैं जहां भोजन खरीदकर खाने के लिए उपलब्ध हैं।
परिसर में स्थित अन्य सुविधाओं में एक गेस्ट हाउस, एक अस्पताल और दवाखाना (फार्मेसी), एक डाक घर, एक बैंक एवं एटीएम (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) और दो सुपरमार्केट शामिल हैं।
उल्लेखनीय पूर्व-छात्र
[संपादित करें]एनआईटीटी के पूर्व-छात्रों ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनेक योगदान दिया है; संस्थान के स्नातक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कॉग्निजेंट टेक्नॉलजी सॉल्यूशंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों में भी वरिष्ठ आधिकारिक पदों पर कार्यरत हैं (या पहले कार्यरत रहे हैं). वर्ष 2007 के बाद से इस संस्थान ने अपने उल्लेखनीय एवं बेहतरीन पूर्व छात्रों को विशिष्ट एलुमनाई पुरस्कारों से सम्मानित किया है।[25]
छात्र जीवन
[संपादित करें]एनआईटीटी के पास सांस्कृतिक, सामाजिक और व्यावसायिक समूहों, छात्र प्रकाशनों और मनोरंजन समूहों सहित विभिन्न प्रकार की रुचियों में फैले 35 से अधिक छात्र समूह मौजूद हैं। पूर्वस्नातक के छात्रों को अपने पहले वर्ष में तीन राष्ट्रीय कार्यक्रमों में से किसी एक में भाग लेना आवश्यक होता है: नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी), नेशनल स्पोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनएसओ) या नेशनल सर्विस स्कीम (एनएसएस).
अभिनय कला
[संपादित करें]एनआईटीटी के अभिनय कला समूह, जिनमें डांस ट्रूप, म्यूजिक ट्रूप और थेस्पियंस सोसायटी शामिल हैं, ये संस्थान के अंदर और बाहर दोनों जगह जाने-माने समूहों में शामिल रहे हैं। ये समूह अक्सर संस्थान के आयोजनों में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और इन्होंने देश भर की प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार भी जीते हैं।[26][27] नृत्य मंडली (डांस ट्रूप) को अपने अभिनय में सार्थक विषयों के साथ जीवंत रंगों के समावेश के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।[27]
कॉलेज का कर्नाटक संगीत समूह, अमृतावर्षिणी संस्थान में अक्सर शास्त्रीय संगीत समारोहों का आयोजन करता है। वर्ष 2007 में इस समूह ने महान कर्नाटक संगीतकार त्यागराज के सम्मान में त्यागराज आराधना का आयोजन किया था।[28]
वार्षिक आयोजन
[संपादित करें]संस्थान के तीन आधिकारिक समारोहों - फेस्टेम्बर, नीटफेस्ट (एनआईटीटीएफईएसटी) और प्रज्ञान - का आयोजन स्वयं छात्रों द्वारा किया जाता है।[29] इसके अलावा हर साल कई सबसे बड़े और बहु-प्रतीक्षित कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
फेस्टेम्बर संस्थान का राष्ट्रीय स्तर का वार्षिक सांस्कृतिक समारोह है। 1975 के बाद से हर साल सितंबर महीने के दौरान आयोजित किये जाने वाले इस समारोह में संगीत, नृत्य और साहित्यिक प्रतिस्पर्धाएं शामिल होती हैं जिनमें देश भर के कॉलेजों से हजारों प्रतिभागी ट्रॉफी प्राप्त करने की होड़ में हिस्सा लेते हैं। इस समारोह में कार्तिक, कादरी गोपालनाथ और शिवमणि सहित सुप्रतिष्ठित भारतीय संगीतकारों ने भी प्रदर्शन किया है।[30][31] नीटफेस्ट (एनआईटीटीएफईएसटी) फेस्टेम्बर का इंट्रा-कॉलेज संस्करण है जिसमें कई एक जैसे आयोजन होते हैं लेकिन इसमें प्रतिस्पर्धा संस्थान के विभागों के बीच होती है।[32]
प्रज्ञान संस्थान का वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समारोह है जो आम तौर पर जनवरी या फरवरी के महीने में आयोजित होता है। इस समारोह में प्रोग्रामिंग, प्रबंधन, रोबोटिक्स और इंजीनियरिंग के अन्य क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धाओं की एक श्रृंखला का आयोजन किया जाता है।[33] ये प्रतियोगिताएं - जिनमें से कुछ ऑनलाइन आयोजित की जाती हैं - पूरे भारत और अन्य देशों से भी प्रतिभागियों को आकर्षित करती हैं। प्रज्ञान समारोह में एडोबे एवं सन माइक्रोसिस्टम्स की कार्यशालाओं के साथ-साथ विकिपीडिया के सह संस्थापक जिमी वेल्स, नोबेल पुरस्कार-विजेता भौतिक विज्ञानी जॉन सी. माथर और भाषाविद् नोम चोमस्की सहित कई अतिथि व्याख्याताओं के कार्यक्रम भी आयोजित किये जा चुके हैं।[34][35]
सन्दर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- ऑफिशियल वेबसाइट
- आरईसीएएल वेबसाइट - एनआईटीटी के पूर्व छात्र संघ