राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण
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राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण | |
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एजेंसी अवलोकन | |
गठन | 2005 |
अधिकारक्षेत्रा | भारत सरकार |
मुख्यालय | NDMA भवन, सफ़दरजंग एन्क्लेव, नई दिल्ली |
वार्षिक बजट | ₹3.56 अरब (US$51.98 मिलियन) (Planned, 2013-14)[1] |
एजेंसी कार्यपालक | नरेंद्र मोदी, पन्त प्रधान |
मातृ विभाग | गृह मन्त्रालय |
वेबसाइट | |
www |
राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (राप्रा), भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक एजेन्सी है जिसका काम प्राकृतिक आपदाओं या मानव-निर्मित आपदाओं के आने पर किये जाने वाले कार्यों में समन्वय स्थापित करना तथा उनसे लड़ने के लिये क्षमता-निर्माण करना है। राप्रा के अध्यक्ष प्रधानमन्त्री तथा अधिकतम 9 सदस्य होते है। सदस्य अध्यक्ष द्वारा नामित होते है। इन्ही में से एक को उपाध्यक्ष नामित किया जाता है। उपाध्यक्ष का दर्जा कैबिनेट मन्त्री के समकक्ष होता है जबकि अन्य सदस्यों का राज्य मन्त्री के समकक्ष।
प्राकृतिक आपदाएं[संपादित करें]
भूकंप, ज्वालामुखी, बाढ़, अति वृष्टि, सूनामी, सूखा, भू-स्खलन, लू आदि।
मानव निर्मित आपदाएं[संपादित करें]
रासायनिक, नाभिकीय, जैविक आदि।[2]
पुरस्कार[संपादित करें]
सरकार ने इसके अन्तर्गत सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार घोषित किए हैं। इसमें तीन पुरस्कार दिए जा सकते हैं। व्यक्ति या संस्था दोनों आवेदन के पात्र हैं। व्यक्ति को चयन होने पर ५ लाख रुपए व प्रमाण पत्र तथा संस्था को ५१ लाख रुपए व प्रमाण पत्र मिलता है।[3]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का जालघर
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Plan Budget". National Disaster Management Authority. मूल से 28 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-10-28.
- ↑ आपदाओं के प्रकार, भारत सरकार
- ↑ आपदा प्रबंधन पुरस्कार, भारत सरकार