राष्ट्रपति शासन, नागालैंड 2008

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

राष्ट्रपति शासन, नागालैंड 2008, भारत के नागालैंड प्रांत में 3 जनवरी, 2008 से प्रारंभ होने वाला राष्ट्रपति शासन है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 1 जनवरी को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नगालैंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की गई थी। इसे 3 जनवरी को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मंजूर कर दिया[1]

इस शासन ने भाजपा समर्थित डेमोक्रेटिक एलायंस के मुख्यमंत्री नेफियू रियो के शासन को समाप्त किया[1]

शासन लागू होने के पहले का घटनाक्रम[संपादित करें]

  • 13 दिसम्बर 2007: विधानसभा में पेश अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। इसमे नेफियू रियो की सरकार विवादित तरीके से बच गई। विधानसभा अध्यक्ष ने तीन निर्दलीयों को मतदान में हिस्सा लेने से रोक दिया। उन्होंने व्यवस्था दी थी कि सत्तारूढ़ एनपीएफ के नौ असंतुष्ट विधायकों के मत अवैध हैं। इसके बाद 60 सदस्यीय सदन में अविश्वास प्रस्ताव 19 के मुकाबले 23 मतों से गिर गया।
  • 23 दिसम्बर 2007: सत्तारूढ़ एनपीएफ के नौ बागी सदस्यों नौ विधायकों ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया। राज्य के कांग्रेसी विधायकों ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात कर एन रियो सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।
  • 1 जनवरी 2008: मंत्रिमंडल की बैठक में नगालैंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की गई।
  • 3 जनवरी 2008: राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति शासन मंजूर कर दिया।

स्रोत[संपादित करें]

  1. "नगालैंड में राष्ट्रपति शासन लागू". याहू. जनवरी 3, 2008.[मृत कड़ियाँ]

बाहरी कडियाँ[संपादित करें]