रामपुर-सहस्वान घराना

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रामपुर-सहस्वान घराना हिंदुस्तानी संगीत के प्रसिद्ध घरानों में से एक है। रामपुर सहस्वान घराने की इस शैली में स्वर की स्पष्टता पर एक तनाव है और विकास और राग का विस्तार एक चरण दर चरण प्रगति के माध्यम से किया जाता है। इस घराने से संबंधित नौ कलाकारों को अबतक पद्म पुरस्कार मिल चुके हैं। [1] ईस

घराने की शुरुआत महबूब खान से होई, और फिर महबूब खान की वरासत को आगे बढाने में उस्ताद इनायत हुसैन खान का अहम योगदान है , महबूब खान इनायत हुसैन खान के वालिद थे ,और लखनऊ नवाब के वाजिद अली खान के दरबारी गवैये भी थे.

इनयात हुसैन खान की शिक्षा अपने पिता महबूब खान के पास होई , जब 1857 का विद्रोह होआ और लखनऊ के हालात ख़राब हो गए तो महबूब खान ने इनायत हुसैन खान को उन के नाना पास रामपुर ले आये. रामपुर में उस्ताद बहादुर खान से इनायत हुसैन शिक्षा लेने लगे.

उस्ताद इनायत हुसैन खान के शागिर्द उस्ताद मुश्ताक हुसैन खान होए.

इनायत हुसैन खान और  उस्ताद मुश्ताक हुसैन खान रामपुर नवाब के दरबार में गवैये थे, इस निस्बत से इस रामपुर सहसवान घराने का नाम  रामपुर सहसवान पड़ा.

देश विदेश में यह घराना हिन्दुस्तानी शास्त्री संगीत[1] को ऊँचाइयों पर पहुँचा रहा है. हिंदुस्तान के इलावा विदेश जैसे कनाडा, हांगकांग में रामपुर सहसवान घराने के लोग  शास्त्री संगीत की शिक्षा दे रहे हैं ... इस परिवार के लोग दिल्ली, मुंबई जैसे नगरों में रहते हैं



इस घराने मशहूर कलाकार:[संपादित करें]

  1. उस्ताद इनायत हुसैन खान
  2. उस्ताद मुश्ताक हुसैन खान
  3. उस्ताद सादिक हुसैन खान
  4. उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफ़ा खान
  5. उस्ताद इफ़्तेख़ार हुसैन खान
  6. उस्ताद निसार खान
  7. उस्ताद राशिद खान
  8. उस्ताद गुलाम अब्बास khan
  9. उस्ताद लडंन खॕां

नयी पीढ़ी में अहमद हसन खान (तबला वादक), गुलाम हसन खान [1], जीशान खान, मुनीर नियाजी आदि के नाम लिए जा सकते हैं .

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संगीत के आसमां में खूब चमके सहसवान के सितारे, नौ पद्म पुरस्कार पाए". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 4 जनवरी 2023.

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