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रामनारायण पाठक

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रामनारायण पाठक
जन्म9 अप्रैल 1887
गणोल ગણોલ धोलका, अहमदाबाद, बंबई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश इंडिया
मृत्यु21 अगस्त 1955(1955-08-21) (उम्र 68 वर्ष)
Bombay (now Mumbai)
भाषागुजराती भाषा
राष्ट्रीयताभारतीय
विषयछंद शास्त्र
उल्लेखनीय कामबृहत–पिंगल
जीवनसाथीHeera Pathak

हस्ताक्षर

रामनारायण विश्वनाथ पाठक गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। उनके जीवन और साहित्य पर गांधीवादी विचारो का प्रभाव दिखाई देता है। गुजराती साहित्यमें कहानी के स्वरूप घ़डतर में उनका अहम योगदान रहा है। उन्होने आलोचन, कविता, नाटक और कहानी क्षेत्रमें उपनी उत्तम सेवा दी। उन्होने संपादन और भाषांतर भी कीऐ। 1946में वह गुजराती भाषा की प्रमुख संस्था गुजराती साहित्य परिषद के प्रमुख भी बने। इनके द्वारा रचित एक छंद शास्त्र बृहत–पिंगल के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया।[1]

सन्दर्भ

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  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. Archived from the original on 15 सितंबर 2016. Retrieved 11 सितंबर 2016.