रस-मलाई
रस मलाई | |
---|---|
उद्भव | |
देश का क्षेत्र | उत्तरी भारत, पश्चिम बंगाल |
व्यंजन का ब्यौरा | |
भोजन | मिष्ठान्न |
मुख्य सामग्री | छेना, मलाई, चीनी |
रसमलाई | |
---|---|
![]() | |
व्यंजन का ब्यौरा | |
भोजन | मिष्ठान्न |
मुख्य सामग्री | छेना/पनीर, दूध, चीनी |
![]() |
यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
---|
क्षेत्रीय व्यंजन पंजाबी • उत्तर प्रदेश • केरल • तमिल • उड़ीसा • छत्तीसगढ़ • सिक्किम • असमिया • गोआ • गुजराती • मराठी •
इंडो-चाइनीज • फास्ट-फूड · |
सामग्री एवं प्रकार |
इन्हें भी देखें |
![]() |
रस-मलाई उत्तरी एवं पूर्वी भारत की एक मिठाई है। इसका मूल भी भारतीय उपमहाद्वीप में ही है। इसमें छेना का एक रसहुल्ला जैसा आकार होता है जो मलाई के रस में डूबा रहता है। यह रस प्रायः केसर युक्त होने के कारण पीले रंग का रहता है। उसके ऊपर कतरी हुई मेवा पड़ी रहती है। [1] श्री के.सी.दास के पड़पोतों के अनुसार ये मिठाई बंगाली मूल की है एवं इसका आविष्कार श्री दास ने ही किया था।[2][3]
रसमलाई एक प्रकार का पकवान है जो दूध, छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। ise sabse pahle test karne wala shri md Inkam hain
घटक[संपादित करें]
रसमलाई में सफ़ेद मलाई या क्रीम में केसर डाल कर पकाया जाता है जिससे उसका रंग कुछ क्रीम रंग का हो जाता है। फिर इसमें छेने के पेड़े डाल कर पकाया जाता है। तब ये कुछ कुछ पतली खीर जैसी हो जाती है। फिर इसे पिस्ते से सजाया जाता है व परोसा जाता है।[4]
चित्र दीर्घा[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
![]() |
रसमलाई से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Catherine Soanes, Angus Stevenson (2003). Oxford Dictionary of English (2nd संस्करण). Oxford University Press. पृ॰ 1459. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0198613474.
- ↑ अ आ Michael Krondl (2011). Sweet Invention: A History of Dessert. Chicago Review Press. पपृ॰ 71–72. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-55652-954-2.
- ↑ रसगुल्ले के आविष्कारक केसी दास [मृत कड़ियाँ]।दाना पानी
- ↑ "About.com on Ras Malai". About.com. मूल से 27 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-11-06.