रवीन्द्र भवन, भोपाल

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रवींद्र भवन[संपादित करें]

रवीन्द्र भवन
रविंद्र भवन
सामान्य विवरण
शहर भोपाल
राष्ट्र भारत
निर्देशांक 23°14′33.97″N 77°23′54.59″E / 23.2427694°N 77.3984972°E / 23.2427694; 77.3984972

रवींद्र भवन बाणगंगा प्रोफेसर कॉलोनी मैं स्थित है। यह भोपाल के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है,रवींद्र भवन का उद्घाटन प्रोफेसर हुमायूं कबीर द्वारा दिनांक 15 वैशाख 1884 शकाब्द को संपन्न हुआ था। यहां विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक शैक्षणिक तथा कलात्मक क्रियाकलाप होते हैं। हाल ही में इसका नवीनीकरण किया गया है नया रंगरोगन किया गया है तथा बैठने की बेहतर व्यवस्थाएं बनाई गई है यहां पर कई प्रसिद्ध नाटक मुशायरे कवि संगोष्ठियां म्यूजिक कॉन्सर्ट इत्यादि होते रहे हैं रविंद्र भवन के प्रांगण में में एक कैफेटेरिया भी है।

कला, संस्कृति और प्रकृति का ताना-बाना[संपादित करें]

रवींद्रनाथ टैगोर ऐसी शख्सियत हैं, जिनसे साहित्य और कला की कोई भी विधा अछूती नहीं रही। उनके सृजन में हमेशा प्रकृति की प्रमुखता रही। शायद यही वजह है कि भोपाल की सांस्कृतिक धड़कन कहे जाने वाले रवींद्र भवन, जो उन्हीं के नाम पर स्थापित किया गया, में साहित्य, कला और प्रकृति का अद्भुत ताना-बाना देखने को मिलता है।[संपादित करें]

देश भर में जब कई जगह मुख्य रूप से राजधानियों और बड़े शहरों में रवींद्र भवन बनने की योजना आई थी। उसी योजना के तहत भोपाल में रवींद्र भवन की स्थापना हुई। तब मध्यप्रदेश में इस तरह का कोई हाॅल नहीं था, उस समय से जो इसकी पहचान बनी वह आज भी कायम हैै। भोपाल शहर के बीचों-बीच स्थित ये भवन वर्षों से कलाकारों और आयोजकों की पहली पसंद रहा है। स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की नाट्य, नृत्य, गायन-वादन व साहित्यिक प्रस्तुतियां रवींद्र भवन के मंच पर होती रही हैं। अलग-अलग दौर के महानतम कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से इस मंच को सुशोभित किया हैै।  

अब नये दौर में रवींद्र भवन नई इबारत गढ़ रहा है। इसके परिसर में नव-निर्मित रवींद्र सभागम केंद्र साहित्य और कला की नई दास्तां कहने को तैयार है। ये देश में पहला ऐसा केंद्र है जिसके आडिटोरियम, सभी हाॅल व दीर्घाओं के नाम शास्त्रीय संगीत की रागों के आधार पर रखे गए हैं। इसमें बना मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा आडिटोरियम 'हंसध्वनि' 1500 दर्शक क्षमता वाला है। शाम के इस खूबसूरत राग की तरह ही इस सभागार की बनावट भी सुरों की जादुई दुनिया में ले जाती है। इसके साथ ही 212 दर्शक क्षमता का गौरांजनी सभागृह (मिनी आडिटोरियम), जयजयवन्ती सभागार (बोर्ड रूम) क्षमता 80 व्यक्ति, मालकौश बैठक कक्ष क्षमता 40 व्यक्ति, कौशिकी उत्सव कक्ष (बैंक्वेट हाॅल) क्षमता 350 व्यक्ति, मल्हार आडियो रिकाॅर्डिंग स्टूडियो, श्रीरंजिनी वीडियो रिकाॅर्डिंग स्टूडियो, कुरंजिका भोजन कक्ष, वागीश्वरी अभ्यास कक्ष (रिहर्सल रूम), ललित कलावीथिकाएं (आर्ट गैलरी), आभावती कला कक्ष, सरस्वती पुस्तकालय कक्ष, सरस्वतीरंजनी मुद्रण/प्रकाशन कक्ष, केदारा-नट आडियो-वीडियो लाईब्रेरी कक्ष जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

ये कलाकार दे चुके हैं प्रस्तुतियां -[संपादित करें]

रवींद्र भवन से पहले भोपाल में कोई ऐसी जगह नहीं थी जहां कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें। जब रवींद्र भवन बना तो कला-संस्कृति के क्षेत्र में जैसे क्रांति आ गई। बड़े-बड़े संगीत-नृत्य, साहित्य और रंगकर्म के समारोह और कार्यक्रमों से रवींद्र भवन का मंच शोभायमान होने लगा। इनमें प्रस्तुति देने के लिए बिस्मिल्ला खां, पंडित भीमसेन जोशी, कुमार गंधर्व, परवीन सुल्ताना, उस्ताद अलाउद्दीन, पंडित रविशंकर, सितारा देवी, पंडित बिरजू महाराज, अल्ला रक्खां, उस्ताद जाकिर हुसैन, गिरिजा देवी, बेगम अख्तर, तलत मेहमूद, जगजीत सिंह, बव कारंत, हबीब तनवीर, रतन थियाम जैसे कई महान कलाकार यहां आए।


सुविधाएं -

मुख्य हंसध्वनि सभागृह - रवीन्द्र सभागम केन्द्र में 1500 दर्शक क्षमता का वातानुकूलित मुख्य सभागृह संचालित किया जा रहा है। जिसमें अनेकों प्रकार की लाईट, साउण्ड एवं ग्रीन रूम की सुविधा उपलब्ध होगी। इस सभागृह में संचालित हो रहे कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

अंजनी सभागृह - नृत्य, नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु पूर्व से संचालित रवीन्द्र भवन में 510 दर्शक क्षमता का सभागृह विद्यमान है। जिसमें साउण्ड, लाईट एवं ग्रीन रूम की सुविधा उपलब्ध है।

गौरांजनी मिनी आडिटोरियम - रवींद्र सभागम केंद्र में नाटक, वार्ता, सेमिनार एवं व्याख्यान हेतु एक छोटा हाॅल लोवर ग्राउंड फ्लोर में जिसकी दर्शक क्षमता 212 है। मंच जिसके साथ साउण्ड, लाईट एवं ग्रीन रूम की सुविधा उपलब्ध होगी।

नटनारायणी मुक्ताकाश मंच - पुराने रवीन्द्र भवन सभागृह की पूर्वी दीवार से लगा हुआ खुला मंच है, जिसमें लगभग 5000 दर्शकों के बैठने की सुविधा उपलब्ध है।

कौशिकी बैंक्वेट हाॅल - रवींद्र सभागम केंद्र में काॅन्फ्रेंस, सेमिनार, बैठकों इत्यादि के आयोजन हेतु 350 क्षमता का एक नवनिर्मित बैंक्वेट हाॅल है। जिसमें प्रोजेक्टर, स्क्रीन, माईक, इत्यादि सुविधा उपलब्ध है।

जयजयवंती बोर्ड रूम - रवींद्र सभागम केंद्र में 80 लोगों के एक साथ चर्चा विचार-विमर्श हेतु बोर्ड रूम का निर्माण किया गया है। जिसमें एलईडी माईक इत्यादि की सुविधा के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।  

ललित आर्ट गैलरी (प्रदर्शनी दीर्घा) - कला प्रदर्शन हेतु रवींद्र सभागम केंद्र के लोअर ग्राउंड फ्लोर पर दो बड़े कक्ष एवं एक प्रदर्शनी दीर्घा है जिसमें पेंटिंग, स्कल्प्चर इत्यादि के प्रदर्शन हेतु आर्ट गैलरी उपलब्ध होगी।

मल्हार आडियो रिकार्डिंग स्टूडियो - इसमें सिंगल एवं ग्रुप आडियो रिकाॅर्डिंग हेतु सर्व सुविधायुक्त स्टूडियो उपलब्ध है। यह स्टूडियो शासकीय, अर्धशासकीय विभागों एवं जनसामन्य के लिए रेडियो जिंगल/स्पाॅट/कार्यक्रमों का निर्माण उचित दरों पर करेगा।

श्री रंजनी वीडियो रिकार्डिंग स्टूडियो - कार्यक्रमों की वीडियो रिकार्डिं /आनलाइन एडिटिंग एवं लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा के साथ नवीन कार्यक्रमों की रिकार्डिंग हेतु एक सर्व सुविधायुक्त स्टूडियो उपलब्ध है। यह न्यूनतम दरों पर शासकीय, अर्धशासकीय विभागों एवं जनसामान्य को फिल्म निर्माण हेतु उपलब्ध होगा।

वागीश्वरी रिहर्सल रूम - नाटकों एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रयोजनार्थ रवीन्द्र भवन परिसर में अभ्यास (रिहर्सल) हेतु दो कक्ष (क्षमता 40) उपलब्ध है।

नीलांबरी खुला मैदान - प्रदर्शनी, मेले एवं अन्य गतिविधियों हेतु परिसर में लगभग आधा एकड़ खुला मैदान विभिन्न आयोजनों हेतु उपलब्ध रहेगा।

- इस प्रकार रवीन्द्र भवन परिसर में फिल्म निर्माण/टिंग हेतु सर्वसुविधायुक्त आदर्श स्थान उपलब्ध हो सकेगा तथा विभिन्न शासकीय कार्यालयों के लिए बैठक, व्याख्यान, सम्मेलन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों हेतु स्थान उपलब्ध हो सकेगा। यह सारी सुविधायें जनसामान्य को उचित दरों पर उपलब्ध हो सकेंगी।

रविंद्र भवन के पीछे स्थित मुक्ताकाश मंच

चित्र दीर्घा[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]