रणजीतराम महेता

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(रणजीतराम मेहता से अनुप्रेषित)
रणजीतराम वावा भाई महेता
रणजीतराम महेता का चित्र
जन्म25 अक्तूबर 1981
सुरत, गुजरात, भारत
मौत4 जून 1917 (आयु 35 वर्ष)
मुंबई
पेशासंशोधक, लेखक
भाषागुजराती
राष्ट्रीयताभारतीय
शिक्षाकला के विषय में स्नातक (B.A.)
उच्च शिक्षागुजरात विषविद्यालय
उल्लेखनीय कामsरणजीतराम गद्यसंग्रह-1,2 (1982)
बच्चेअशोक महेता

रणजीतराम महेता (25 अक्टूबर 1881 - 4 जून 1917) जानेमाने गुजराती लेखक थे।. गुजराती साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार रणजीतराम स्वर्ण पदक उनके सम्मान में गुजराती लेखकों को दिया जाता है।

जीवन[संपादित करें]

रणजीतराम का जन्म 25 अक्तूबर 1881 के दिन गुजरात के सुरत नगर में हुआ था। उनके पिता वावा भाई महेता अहमदाबाद नगरनिगम में मुख्य अभियंता थे इसलिए रणजीतराम का प्राथमिक शिक्षण अहमदाबाद में हुआ। [1] ईस्वीसन १९०३ में रणजीतराम ने गुजरात विश्वविद्यालय से कला के विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वहाँ पे ही कुछ महीनो तक संशोधक के रूप में काम किया। १९०५ में उमरेठ की उच्चत्तर मध्यमिक विद्यालय के आचार्य के रूप में काम किया। १९०६ से १९१७ तक भावनगर रियासत के दीवान प्रभाशंकर पट्टणी के मददनिश के रूप में भी काम किया था।[2][3]

रणजीतराम ने १९०४ में गुजराती साहित्य सभा और १९०५ में गुजराती साहित्य परिषद की स्थापना की थी।[4][5]

४ जून, १९१७ के दिन मुंबई के समुद्र में डूब जाने के कारण उनका निधन हुआ था। उनकी याद में गुजराती साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार रणजीतराम सुवर्ण पदक एनायत किया जाता है।[3][6]

उनके पुत्र अशोक महेता भारत के राजनेता थे।[1][7][8]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Verinder Grover (१९९४). Asoka Mehta. Deep & Deep Publications. पपृ॰ ११–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7100-567-3.
  2. Gujarati Sahitya Kosh (Encyclopedia of Gujarati Literature)। (१९९९)। अहमदाबाद: गुजराती साहित्य परिषद
  3. "रणजीतराम वा॰ महेता" [Ranjitram V Mehta]. Gujarati Sahitya Parishad (गुजराती में). मूल से 30 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० जून २०१७.
  4. Desai, Padma (१ नवंबर २०१४). From England with Love: An Indian Student Writes from Cambridge (1926–27) (अंग्रेज़ी में). Penguin UK. पपृ॰ ૧૧૫. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789351189022. मूल से 19 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 सितंबर 2017.
  5. Chandra, Sudhir (१३ अगस्त २०१४). The Oppressive Present: Literature and Social Consciousness in Colonial India (अंग्रेज़ी में). Routledge. पपृ॰ २२०. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781317559931. मूल से 18 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 सितंबर 2017.
  6. Parekh, Madhusudan। “Mehta Ranjitram Vavabhai”। गुजराती विश्वकोश १४: ५२४-५२५। Gujarati Vishwakosh Trust।
  7. Himmat (अंग्रेज़ी में). Volume 2 Part 2. મે ૧૯૭૬. पपृ॰ ४९६. मूल से 18 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 सितंबर 2017. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  8. Mainstream. N. Chakravartty. ૧૯૯૪. पृ॰ ૩૬. |year= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)