म्यूनिख नरसंहार
१९७२ म्यूनिख नरसंहार | |
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स्थान | म्यूनिख, पश्चिम जर्मनी |
निर्देशांक | 48°10′46.9″N 11°32′57.1″E / 48.179694°N 11.549194°Eनिर्देशांक: 48°10′46.9″N 11°32′57.1″E / 48.179694°N 11.549194°E |
तिथि | ५-६ सितम्बर १९७२ |
लक्ष्य | इज़राइली ओलम्पिक टीम |
हमले का प्रकार |
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मृत्यु |
कुल १७ (अपराधी मिलाकर)
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अपराधी | ब्लैक सितंबर |
उद्देश्य | इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष |
म्यूनिख नरसंहार पश्चिम जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित १९७२ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक के दौरान हुआ था जिसमे ग्यारह इज़राइल के ओलम्पिक टीम के सदस्यों को बंधक बना लिया गया और अंततः मार दिया गया था।[1] साथ ही, एक जर्मन पुलिस अधिकारी को भी मारा गया था। यह आतंकवादी हमला फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह ब्लैक सितंबर ने किया था।[2]
हमला शुरू होने के कुछ ही समय बाद, आतंकवादीयों ने इज़राइल में बंदी २३४ कैदियों को जेल से रिहा करने की मांग की और लाल सेना गुट के संस्थापक एंड्रियास बादेर और उल्रीके मीनहोफ जो जर्मनी में बंदी थे उन्हे भी रिहा करने की मांग की।
घटना
[संपादित करें]१९७२ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक का उद्घाटन समारोह २६ अगस्त को हुआ। ४ सितम्बर की शाम को इज़राइली खिलाड़ी फिडलर ऑन द रूफ के नाट्यप्रयोग को गए और रात को ओलम्पियापार्क पहुचे जहॉं खिलाड़ीओं की रहने की सुवीधा थी। सुबह ४:३० बजे (स्थानीय समय, ५ सितम्बर) को फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के गुट ब्लैक सितंबर के सदस्य एकेएम राइफल, टीटी पिस्तोल, हथगोले ले कर ज़ंजीर से बंधी बाड़ पार कर अन्दर आए। माना जाता था कि इस में कुछ अमरिकी खिलाड़ीओं का उन्हे सहयोग मिला। २०१२ में खुलासा हुआ के सहयोग देनेवाले कनाडा के खिलाड़ी थे।[3]
प्रतिलिपि चांबियों की मदद से आतंकवादियों ने अपार्टमेंट १ में प्रवेश किया। तब कुश्ती के रेफ़री योसेफ गुटफ़्रुंड की निंद खुली और बंदूकों के साथ नकाबपोशों को देख उन्होने शोर मचाया, और पास रख १३५ किलो का वजन फेक कर माराने का असफल प्रयास किया। गुटफ़्रुंड के अन्य साथी उठ गए और कुश्ती प्रशिक्षक मोशे वेनबर्ग घुसपैठियों से लड़े, जिन्होंने उसे गाल में गोली मार दी और फिर उन्हे अन्य बंधकों को ढूंढने में मदद करने के लिए मजबूर किया। वेनबर्ग घुसपैठियों को अपार्टमेंट ३ की तरफ ले गए और झूठ बताया कि अपार्टमेंट २ में इज़राइली नहीं थे। अपार्टमेंट ३ में घुसपैठियों ने छह पहलवानों और भारोत्तोलकों को बन्दी बनाया। वेनबर्ग सोचते थे कि ये खिलाड़ी शायद सही आक्रमण कर सके पर वो निंद में होने के कारण कुछ कर ना सके। अपार्टमेंट १ में लौटते समय वेनबर्ग ने फिर से हमला किया जिस कारण पहलवान गाद त्सोबारी भाग सके। भारोत्तोटर योसेफ रोमानो, जो पहले छः दिन के युद्ध में भाग ले चुके थे, एक घुसपैठि को घायल कर सके पर आखीर गोली से मारे गए। बंदूकधारियों के पास नौ बंधक थे; योसेफ गुटफ़्रुंड, तेजतर्रार निशानेबाज़ी के प्रशिक्षक केहत शोर, खेल कूद के प्रशिक्षक अमीतजुर शपीरा, तलवारबाजी के खिलाडी आंद्रे स्पिट्जर, भारोत्तोलन के पंच याकोव स्प्रिंगर, पहलवान एलीज़र हाल्फिन और मार्क स्लेविन, और भारोत्तोलक डेविड बर्जर और जेव फ्राइडमैन।[4]
असफल बचाव प्रयास
[संपादित करें]
आतंकवादीयों ने इज़राइल में बंदी २३४ कैदियों को जेल से रिहा करने की मांग की और लाल सेना गुट के संस्थापक एंड्रियास बादेर और उल्रीके मीनहोफ जो जर्मनी में बंदी थे उन्हे भी रिहा करने की मांग की। कई जर्मन अधिकारियों ने आतंकवादीयों से बातचीत शुरू रखी जब की इज़राइल का धोरण बातचीत को बढावा दे कर आगे के हमलों को प्रोत्साहित देना होगा एसा रहा। शाम ४:३० बजे म्यूनिख पुलिस पहुंचे और "सनशाईन" का संकेत सुनने के लिए इंतजार करते रहे। उन्होने वेंटिलेशन शाफ्ट के माध्यम से इमारत में प्रवेश करने और आतंकवादियों पर हमला करने की योजना बनाई थी। पर तब तक जर्मन अपार्टमेंट में कई संवाददाताओं ने स्तिथी का प्रसारण शुरू किया था जिस कारण आतंकवादीयों को इस निती का पता चल गया।[5][6]
आतंकवादीयों की मांग पर उन्हे फ़र्स्टेनफेल्डबर्क एयर बेस तक ले जाने के लिए दो हेलीकॉप्टर लाए गए। वहाँ से वे हवाई जहाज में बैठ कर मिस्र जाने की योजना बना रहे थे। हवाई अड्डे पर जर्मन के कई फ़ौजीयो ने हमला बोला, पर अनुभवहीन कर्मियों, खराब रोशनी और अनुचित नियोजन के कारण आतंकवादीयों ने सारे बंधकोंको मार डाला। आखीर सभी आतंकवादी भी मारे गए, सिवाय तीन के और साथही एक जर्मन पुलिस अधिकारी भी मारा गया।[6]
परिणाम
[संपादित करें]६ सितम्बर को ओलम्पिक खेलों में मृत खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि अर्पित हुई। कुश्ती प्रशिक्षक मोशे वेनबर्ग की बहन कारमेल एलियैश को तभी दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। ओलम्पिक का ध्वज आधा मस्तूल पर लहराया गया और साथ कई देशों के ध्वज भी; पर दस अरब देशों के विरोध के बाद उनके ध्वज बहाल कर दिए गए।[7][8]
८ सितम्बर १९७२ को इज़राइल ने फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के सीरिया और लेबनान में स्थित दस अड्डों पर हवाई हमला कर तकरिबन २०० लोगोंको मार गिराया। तीन आतंकवादी जो पकडे गए थे उन्हे म्यूनिख के कारागार में बंद किया था। २९ अक्टुबर १९७२ को लुफ़्थान्सा उड़ान ६१५ का अपहरण कर लिया गया और परीणाम में ये आतंकवादी रिहा हो गए। इनमें से दो आतंकवादीयों को इज़राइल की खुफिया एजेन्सी मोसाद ने मार दिया; जो ऑपरेशन "रेथ ऑफ गाड" का हिस्सा था। इज़राइल की चौथी प्रधानमन्त्री गोल्डा मेयर ने इस ऑपरेशन को हरी झंडी दिखाई।[9]
चित्रदीर्घा
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बेल्जियाई कलाकार जेवियर ट्रिकॉट द्वारा बनाई गई तेल चित्रकला में एक नकाबपोश आतंकवादी दिखाया गया है
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न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशीत अमरिकी कलाकार मार्क पोडवाल द्वारा स्मरण चित्र
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इजरायली खिलाड़ियों का अपार्टमेंट जहा से अपहरण हुआ था
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अपार्टमेंट के सामने स्मारक पट्टिका, सभी मृत खिलाड़ियों के नाम लिखे है
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फ़र्स्टेनफेल्डबर्क एयर बेस में स्मारक जहा अंतिम संग्राम हुआ
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- म्यूनिच; २००५ की स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ ब्रेज़निकन, एंथोनी (२२ दिसम्बर २००५). "Messages from 'Munich'" ['म्यूनिच' से सन्देश]. यु एस ए टुडे (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 5 जनवरी 2012. Retrieved ६ नवम्बर २०१७.
- ↑ कारोन, टोनी. "Revisiting the Olympics' Darkest Day" [ओलम्पिक के अंधेरे दिन का पुर्नलोकन]. टाइम (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 6 जनवरी 2019. Retrieved ६ नवम्बर २०१७.
- ↑ केली, कैथल (२८ अप्रैल २०१२). "Munich massacre helped unwittingly by Canadians in 1972 Olympic atrocity" [म्यूनिख हत्याकांड १९७२ ओलंपिक अत्याचार में कनाडाई द्वारा अनजाने में मदद की] (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 23 जून 2012. Retrieved ६ नवम्बर २०१७.
- ↑ Burnton, Simon (2 May 2012). "50 stunning Olympic moments No 26: The terrorist outrage in Munich in 1972" [ओलंपिक के ५० चौका देने वाला क्षण; क्र २६: १९७२ में म्यूनिख में आतंकवादी आक्रोश] (in अंग्रेज़ी). Guardian News and Media Limited. Archived from the original on 10 सितंबर 2017. Retrieved ६ नवम्बर २०१७.
- ↑ वृत्त चित्र वन डे इन सप्टेंबर, निर्देशक केविन मैकडोनाल्ड
- ↑ अ आ Simon Reeve (२०००). One Day in September: The Full Story of the 1972 Munich Olympics Massacre and the Israeli Revenge Operation "Wrath of God". Arcade Publishing. ISBN 9781559705479. Archived from the original on 7 नवंबर 2017. Retrieved 6 नवंबर 2017.
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(help) - ↑ Gallagher, Brendan (६ अगस्त २००२). "Athletics: Memories stirred of Olympic hostage horror". London, UK: The Telegraph (UK). Archived from the original on 18 अक्तूबर 2017. Retrieved ८ नवम्बर २०१७.
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: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ Fleming, David (२९ जुलाई १९९६). "Remembering the Munich 11?". Sports Illustrated. Archived from the original on 16 September 2000. Retrieved ८ नवम्बर २०१७.
- ↑ जेम्स मोंटेग (५ सितम्बर २०१२). "The Munich massacre: A survivor's story". सी एन् एन्. Archived from the original on 21 जून 2018. Retrieved ८ नवम्बर २०१७.
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