मौखिक काव्य कला

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स्पोकन वर्ड पोएट्री या मौखिक काव्य कला साहित्य के कई प्रकारों में से एक है जिसमें कविता का प्रदर्शन बोल के, अक्सर एकलाप के रूप में किया जाता है|

परिचय[संपादित करें]

अन्य कलाओं की तरह, मौखिक कविता में भी विशेषज्ञता पाने के लिए कौशलता और बारीकियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है| मौखिक कविता के द्वारा, कवी अपनी कविता के अर्क को पारदर्शी रूप से दिखा सकते हैं| मौखिक कविता और लिखी हुई कविता में यह अंतर है की एक लिखे हुए कविता को दर्शक अपने भावना और लहज़ा के हिसाब से पढ़ते हैं, और मौखिक कविता को कवी ही अपने अंदाज़ में सुनाते हैं| भावना को व्यक्त करने के लिए भौतिक रूप से उपस्थित होने की क्षमता मौखिक काव्यात्मकता एक व्यक्ति को देता है|

इतिहास[संपादित करें]

एक महिला अपना कविता का प्रदर्शन कर रही हैं

हालांकि मौखिक काव्य कला कुछ सालों पहले ही प्रसिद्द होनी शुरू हुई है, उसका इतिहास हज़ारों साल पुराना है| उस काल में, बहुमत लोग निरक्षर थे, तो बहुत सारे कवी मौखिक काव्य कला को अपनी पेशा के रूप में अपना लिए| मध्यकाल में, ज़्यादातर यूरोप में आवारा कवी अपने भोजन के लिए संगीत वाद्ययंत्र के साथ अपने कविताओं के प्रदर्शन करते थे| उन क्षेत्रों में जहां साक्षरता व्यापक हो गई, इस मौखिक परंपरा को पढ़ने से ग्रहण किया गया, और कविता साहित्यिक रूप से अधिक हो गई- हालांकि कविता अभी भी दर्शकों के लिए प्रदर्शन की जाती है ।अल्फ्रेड टेनीसन बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में कविता का एक महान पाठक होने के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध थे|

अगर समकालीन मौखिक काव्य कला पर विचार-विमर्श की जाये, तोह उसका मूल दो जगाओं पर है| एक हैं वेल्श कवी डिलन थॉमस| बीसवीं शताब्दी के पांचवे दशक में उन्होंने अमेरिका में यात्रा करते-करते मौखिक काव्य कला की वृद्धि की| आधुनिक समय में और शायद इतिहास में डिलन थॉमस मौखिक कविता के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक थे। मौखिक काव्य कला का दूसरा उद्गम स्थल है बीसवीं शताब्दी के पांचवे दशक के उत्तरार्ध में उत्पन्न हुई बीट पोएट्री मूवमेंट|

बीट पोएट्री मूवमेंट की उत्पत्ति सैन फ्रांसिस्को में हुई, जिसमें एलन गिन्सबर्ग, जैक केरोउक, लॉरेंस फेरलिंगहेट्टी, गैरी स्नाइडर और अन्य जैसे कवियों का नेतृत्व किया गया। यही वह जगह है जहां "बीटनिक" शब्द का जन्म हुआ|सन 1960 के दशक में "द लास्ट पोएट्स" के साथ आधुनिक मौखिक काव्य कला का काल आरम्भ हुआ| द लास्ट पोएट्स ग्रुप का जनम अफ्रीकी अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के वक़्त हुआ था| इस संस्था के लोग ने इस संस्था के द्वारा राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देते थे और निराशा को प्रकट किया करते थे| नील कैस्सडी, एलन जिन्सबर्ग, जैक केराओक बीट कविता संचलन के कुछ प्रमुख कवी हैं|

भारतीय मौखिक काव्य कला उद्भव[संपादित करें]

मौखिक काव्य कला के इतिहास के भारतीय पहलु की भी कहानी कुछ ऐसी ही है| राजाओं ने कवियों को संरक्षण दिया, और यह कवी अपनी रची हुई काव्य को संगीत वाद्ययंत्र के साथ गाके सुनाते थे| आधुनिक मौखिक काव्य कला भारत में अब फ़ैल चुकी है| लोग अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओँ में मौखिक काव्य की रचना करते हैं| कविता को प्रोत्साहित करने के लिए संचलन किए जा रहे हैं, और संभाषण भी रखे जाते हैं ताकि लोग इस कला को जान पायें और सीख पायें| साथ ही साथ मौखिक काव्य के कवियों के समुदाय बनाये जा रहे हैं जो स्पर्धाओं का आयोजन करते हैं| जैसे इस बढ़ती प्रतिभा के कारण भारत की पहली कॉलेजिएट प्रतियोगिता, नेशनल यूथ पोएट्री स्लेम (एनवाईपीएस), 17-18 सितंबर 2016 को बंगलौर में आयोजित की गई। जिस तरह बटन पोएट्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय है, उसी प्रकार भारत में- स्पिल पोएट्री, एयरप्लेन पोएट्री मूवमेंट, टेर्रिबली टाइनी टेल्स प्रसिद्द हैं| कल्कि कोएच्लिन, अरन्या जोहर, अमनदीप सिंह, याह्या बूटवाला और दानियाल भारत के कुछ लइकोकप्रिय प्रदर्शि कवियों में से हैं|

मौखिक काव्य कला की व्यापक आलोचना की जाती है और उसे साहित्य के रूप में नहीं माना जाता है- उसके सरलता के कारण| मौखिक काव्य अक्सर ऐसे लगता है जैसे कवी आपसे सीधा बात कर रहें हो| इस कला ने कई लोगों, विशेष रूप से युवाओं के दिल को छू लिया है और कोई भी आत्मविश्वास से कह सकता है कि यह कला लंबे समय तक रहेगा और युवाओं को साथ लाएगा|


आश्रय[संपादित करें]

https://web.archive.org/web/20190216153429/https://www.livemint.com/Leisure/8jei1lKNP6tvnOa98G78TJ/Poetry-gets-its-say.html

https://web.archive.org/web/20190126152100/https://en.wikipedia.org/wiki/Spoken_word

https://web.archive.org/web/20190129110254/https://www.poets.org/poetsorg/text/brief-guide-beat-poets