मौखरि वंश

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(मौखरी राजवंश से अनुप्रेषित)

मौखरि वंश का शासन गुप्त राजवंश के पतन के बाद स्थापित हुआ था। मौखरि वंश के लोग उत्तर प्रदेश के कन्‍नौज में तथा राजस्थान के बड़वा क्षेत्र में तीसरी सदी में फैले हुए थे। मौखरि वंश के शासकों को उत्तर गुप्त वंश के चौथे शासक कुमारगुप्त के साथ युद्ध हुआ था जिसमें ईशानवर्मन ने मौखरि वंश से मगध को छीन लिया था।

मौखरि वंश के सामन्त ने अपनी राजधानी कन्‍नौज बनाई। कन्‍नौज का प्रथम मौखरि वंश का सामन्त हरिवर्मा था। उसने अनुमानतः 510 ई. में शासन किया था। उसका वैवाहिक सम्बन्ध उत्तर वंशीय राजकुमारी हर्षगुप्त के साथ हुआ था। ईश्‍वर वर्मा का विवाह भी उत्तर गुप्त वंशीय राजकुमारी उपगुप्त के साथ हुआ था। यह कन्‍नौज तक ही सीमित रहा। यह राजवंश तीन पीढ़ियों तक चलता रहा।

हरदा लेख से स्पष्ट होता है कि सूर्यवर्मन, ईशानवर्मन का छोटा भाई था। अवंति वर्मा सबसे शक्‍तिशाली तथा प्रतापी राजा था। इसके बाद मौखरि वंश का अन्त हो गया।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

ईशानवर्मन