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मोचे संस्कृति

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मोचे संस्कृति, जिसे मोचे संस्कृति या प्रारंभिक चिमू संस्कृति भी कहा जाता है, एक प्राचीन सभ्यता थी जो उत्तरी पेरू में लगभग 100 से 800 ईस्वी तक पनपी थी। इसका केंद्र वर्तमान पेरू के पास मोचे था। हालांकि कुछ विद्वानों का मत है कि मोचे एक सुसंगठित साम्राज्य या राज्य नहीं थे, बल्कि वे स्वतंत्र शासन व्यवस्था वाले कई क्षेत्रों का समूह थे, जिनकी सांस्कृतिक एकता थी, जिसे उनकी कला, स्थापत्य और मूर्तियों से समझा जा सकता है।[1]

मोचे समाज मुख्य रूप से कृषि आधारित था, और उन्होंने अपने खेतों को पानी देने के लिए एक जटिल सिंचाई प्रणाली विकसित की थी। उनके द्वारा निर्मित कलाकृतियाँ जैसे कि मिट्टी के बर्तन, सुनहरी कलाकृतियाँ, भव्य निर्माण (हुआका), और सिंचाई प्रणालियाँ उनकी सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती हैं। मोचे लोग अपनी जीवनशैली को चित्रित करने के लिए विस्तृत दृश्य उकेरते थे, जिनमें शिकार, मछली पकड़ना, युद्ध, बलिदान, यौन संबंध और भव्य समारोह शामिल थे।[2]

मोचे संस्कृति को तीन मुख्य कालखंडों में बांटा जा सकता है: प्रारंभिक मोचे (100–300 ईस्वी), मध्य मोचे (300–600 ईस्वी), और अंतिम मोचे (500–800 ईस्वी)। मोचे सभ्यता के प्रमुख स्थल जैसे हुआका डेल सोल और हुआका डे ला लूना, जिनमें से हुआका डेल सोल पेरू की सबसे बड़ी पूर्व-कोलंबियाई संरचना थी, आज भी प्राचीन स्थापत्य का बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं।[3]

मोचे संस्कृति का क्षेत्र पेरू के उत्तर तट पर फैला हुआ था, जो आज के लिबर्टाड, लाम्बायेक, जेकेटेपेक, चिकामा और अन्य क्षेत्रों में स्थित था। यह सभ्यता अपनी कला, स्थापत्य, और सिंचाई प्रणालियों के लिए प्रसिद्ध थी, और पेरू के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

सन्दर्भ

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  1. "Moche | Ancient South American Civilization | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-22.
  2. "Khan Academy". www.khanacademy.org (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-22.
  3. "at the Museum: The Moche People and Culture Described". www.penn.museum. अभिगमन तिथि 2025-01-22.