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मोगम्मा

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मोगम्मा

तहरीर चौक पर स्थित मोगम्मा
सामान्य विवरण
शहर काहिरा
राष्ट्र मिस्र
निर्माणकार्य शुरू १९४६
निर्माण सम्पन्न १९४९

मोगम्मा (Arabic: مجمع التحرير, जिसे मुगम्मा भी कहा जाता है) काहिरा मिस्र में स्थित एक सरकारी भवन है। यह तहरीर चौक बनाने के लिये बनाई गयी ढेर सारी परियोजनओं का एक हिस्सा है। यहाँ पहले ब्रितानी सेना के बैरक़ हुआ करते थे। १९४५ में अंग्रेजों के जाने के बाद जब राजा फ़ारूख ने इन बैरकों को नष्ट करने का आदेश दिया तब नया शहर और क्षेत्र बनाने के लिये कई सारी परियोजनाओं के प्रस्ताव मंगाए गये। १९४५ के इन्हीं परियोजनाओं में से एक केन्द्रीकृत, सर्व शक्ति संपन्न प्रशासकीय भवन बनाने का विचार था। इसका निर्माण १९४६ में शुरु हुआ और १९४९ में यह बन कर तैयार हो गया। भवन की स्थापत्य शैली १९४० के आधुनिकता दर्शाती हैं इस प्रकार के सरकारी भवन न्यूयॉर्क, बुफैलो, पेरिस में पाये जाते हैं। यह भवन सोवियत संघ से प्रभावित नहीं है जैसा की अधिकतर लोग समझते हैं। साथ ही यह भवन मिस्र के दूसरे राष्ट्रपति गमाल अब्दल नासीर के द्वारा नहीं बनवाई गयी थी। क्यूंकि नासीर भवन के बनने के कई सालों बाद नवंबर १९५४ तक मिस्र के नेता नहीं बने थे।

मोगम्मा काहिरा नगर क्षेत्र में तहरीर चौक के दक्षिण में स्थित है जो कि उस समय नया नया बना था।[1]

कार्यवाही

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मोगम्मा एक प्रशासकीय सरकारी भवन है जहाँ सरकार के सभी प्रशासकीय कार्य किये जाते हैं। जैसे कि यहाँ लोग अपने विभिन्न प्रकार के सरकारी कागज, ड्राइविंग लाइसेंस, या वीज़ा जैसे जरूरी सरकारी दस्तावेज़ बनवाने जाते हैं। इस भवन में सरकार के कर प्रशासन विभाग, अग्निशामक विभाग, पासपोर्ट विभाग हैं। इस १४ मंज़िला भवन में १८ हज़ार सरकारी कर्मचारी काम करते हैं।[2]

ढाँचा और स्थापत्य कला

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मोगम्मा का ढाँचा और स्थापत्य कला १९४० के आधुनिक वास्तुकला से प्रेरित है जिसे मिस्र के वास्तुशाष्त्री कमाल इस्माईल ने बनाया था। बाहरी रूपरंग का ज्यादा महत्व नहीं था, ढांचे की बनावट एक केन्द्रीकृत संरचना व अधिक से अधिक जगह के इस्तेमाल पर केन्द्रित थी। भवन का रूपरंग साधारण है, फिर भी अपने आकार व क्षमता की वजह से यह दूसरों से अलग लगती है।

फ़िल्मों में मोगम्मा

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कई सारी मिस्री फिल्मों में मोगम्मा को दिखाया गया है, इनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध अल-इर्हाब वल केबाब Al-irhab wal Kebab (आतंकवाद और केबाब) है। यह एक हास्य फिल्म थी जिसमें भवन की अफ़सरशाही एक व्यक्ति को इतना परेशान कर देती है कि वो सुरक्षाकर्मी की बंदूक छीन लेता है और भवन पर कब्जा करने व मौजूद लोगों को बंधक बनाने के लिये चल देता है जिसे आतंकवादी माना जाता है।[3]फ़िल्म मिस्र की सभी परेशानियों के लिये मोगम्मा और उसकी अफ़सरशाही को जिम्मेदार ठहराती है।[4]

२०११ की क्रांति के दौरान

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२०११ की मिस्र की क्रांति के दौरान मोगम्मा को तहरीर चौक पर हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों की वजह से बंद कर दिया गया था। ८ जुलाई २०११ को एक दूसरे प्रदर्शन में मोगम्मा भवन को घेर लिया गया था।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. साशा विलियम्स (10 जुलाई 2009). ""The Mogamma: Architectural Gem or Bureaucratic Oddity?"" [मोगम्मा: वास्तुकला का नगीना या अफ़सरशाही का निरालापन?]. डेली न्यूज़ एज़िप्ट.[मृत कड़ियाँ]
  2. ""A Resilient Complex."" [एक लचीला प्रांगण]. अल अहरम साप्ताहिक. मूल से 8 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2015. पाठ "अमीरा एल-नोशोकाती" की उपेक्षा की गयी (मदद)
  3. सरदार ज़िआउद्दीन. "What Egyptian Cinema Can Teach Us." New Statesman. 2 April 2007. <http://www.newstatesman.com/religion/2007/04/film-arab-egyptian-building Archived 2015-05-19 at the वेबैक मशीन>.
  4. जोएल गॉर्डोन (2006). Hero of the Arab Nation [अरब देश का नायक]. ऑक्सफोर्ड: एक विश्व.

निर्देशांक: 30°2′35.1794″N 31°14′5.98″E / 30.043105389°N 31.2349944°E / 30.043105389; 31.2349944