मोइरांग

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मोइरांग
Moirang
মৈরাং
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मोइरांग is located in मणिपुर
मोइरांग
मोइरांग
मणिपुर में स्थिति
निर्देशांक: 24°30′N 93°46′E / 24.50°N 93.77°E / 24.50; 93.77निर्देशांक: 24°30′N 93°46′E / 24.50°N 93.77°E / 24.50; 93.77
ज़िलाबिष्णुपुर ज़िला
प्रान्तमणिपुर
देश भारत
ऊँचाई766 मी (2,513 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल19,893
भाषाएँ
 • प्रचलितकुकी, मणिपुरी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
वाहन पंजीकरणMN
वेबसाइटmanipur.gov.in

मोइरांग (Moirang) भारत के मणिपुर राज्य के बिष्णुपुर जिले में स्थित एक नगर है। राष्ट्रीय राजमार्ग २ यहाँ से गुज़रता है।[1][2]

विवरण[संपादित करें]

मोइरांग विष्णुपुर जनपद का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है। यह नगर मणिपुर की राजधानी इम्फाल के दक्षिण में ४७ किमी की दूरी पर स्थित है और मणिपुरी लोगों के लिए एक बहुत ही पवित्र स्थान है। यहाँ पूर्व हिंदू देवता, भगवान थाङजिङ का एक प्राचीन मंदिर है। यह स्थान "खंबा थोबी" की महान प्रेम कथा से भी जुड़ा है। प्राचीन काल में मोइरांग के शासक को मणिपुर राज्य के सात कबीले राजाओं में सबसे शक्तिशाली राजा माना जाता था। मोइरांग की लोकटक झील एशिया की सबसे बड़ी अलवण जल वाली झील है।

इतिहास[संपादित करें]

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय मोइरांग आजाद हिंद फौज का मुख्यालय था। पहली बार भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के कर्नल शौकत मलिक द्वारा 14 अप्रैल 1944 को मोइरांग में भारतीय ध्वज फहराया गया था। यह मणिपुरी लोगों की मदद से किया गया था, जिनमें श्री मायेरंबम कोइरेंग सिंह भी शामिल थे, जो INA के सदस्य थे। भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष को दर्शाती एक भारतीय राष्ट्रीय सेना संग्रहालय भी है।

जनसांख्यिकी[संपादित करें]

भारत की जनगणना के अनुसार, मोइरांग की जनसंख्या 16,684 है। पुरुषों की संख्या 51 प्रतिशत और महिलाओं की 49 प्रतिशत है। शहर की औसत साक्षरता दर 64 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 59.5 प्रतिशत से भी अधिक है। मैरांग में महिला साक्षरता 55 प्रतिशत है जबकि पुरुष साक्षरता 71 प्रतिशत है। छह वर्ष से कम आयु के मोइरांग में कुल जनसंख्या का 13 प्रतिशत शामिल है।

सांस्कृतिक विरासत[संपादित करें]

मोइरांग की मीठी लोक संस्कृति बहुत प्रसिद्ध है और यह स्थान मोइरांग लाई हारोबा त्योहार सहित कई त्योहार भी मनाता है। यह पारम्परिक त्यौहार प्राचीन काल से हर साल मई के महीने में मनाया जाता है। त्योहार के दौरान पुरुष और स्त्रियाँ दोनों सैकड़ों की संख्या में भगवान थंगजिंग के सम्मान में नाचते-गाते हैं। भव्य पारंपरिक वेशभूषा में हर कोई यहां प्रभु के सम्मान में गाता और नृत्य करता है। मोइरांग में ही खम्बा-थोबी नृत्य की उत्पत्ति हुई थी। यह नृत्य रूप मणिपुरी लोक संस्कृति का उत्कृष्ट चित्रण है। नृत्य में महिला नृत्य कलाकारों, गायकों और जीवंत और जातीय वेशभूषा होती है।

भारतीय राष्ट्रीय सेना संग्रहालय[संपादित करें]

मोइरांग में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कांस्य प्रतिमा स्थापित है और यहीं पर भारतीय राष्ट्रीय सेना संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय में नेताजी से और उनके आंदोलन से संबंधित पत्र, चित्र, रैंक के बैज और अन्य लेख प्रदर्शित हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Manipur: Geography and Regional Development," Vedaja Sanjenbam, Rajesh Publications, 1998, ISBN 9788185891194
  2. "Census of India, 1991: Manipur," Census of India, 1991, Manipur, India