मैसूर जंक्शन रेलवे स्टेशन
मैसूर जंक्शन Mysore Junction प्रीमियम ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन और यात्री ट्रेन स्टेशन | |
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![]() रेलवे कार्यालय, मैसूर | |
स्टेशन आंकड़े | |
पता |
मेदार ब्लॉक, यादवगिरी, मैसूर, कर्नाटक भारत |
निर्देशांक | 12°18′59″N 76°38′43″E / 12.3163°N 76.6454°E |
ऊँचाई | 760 मी॰ (2,490 फीट) |
लाइनें |
मैसूर-बैंगलोर रेलवे लाइन मैसूर-चामराजनगर शाखा लाइन मैसूर-हसन रेलवे लाइन |
संरचना प्रकार | मानक (ग्राउंड स्टेशन पर) |
प्लेटफार्म | 6 |
वाहन-स्थल | उपलब्ध |
अन्य जानकारियां | |
आरंभ | 1870 |
विद्युतीकृत | हाँ |
स्टेशन कूट | MYS |
ज़ोन | दक्षिण पश्चिम रेलवे ज़ोन |
मण्डल | मैसूर |
स्वामित्व | भारतीय रेलवे |
संचालक | (एसडब्ल्युआर) |
स्टेशन स्तर | संचालित |
स्थान | |
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मैसूर जंक्शन (स्टेशन कोड: MYS) पर एक रेलवे स्टेशन है जोकि मैसूर, कर्नाटक, भारत में स्थित मैसूर-बैंगलोर रेलवे लाइन के द्वारा शहर को सेवा मुहैया कराता है। पहले मैसूर बैंगलोर से सिंगल लाइन मीटर गेज से जुड़ा था। इसे बाद में गैर-विद्युतीकृत ब्रॉड-गेज लाइन में बदल दिया गया, जिसे अब डबल लाइन विद्युतीकृत ब्रॉड गेज में बदल दिया गया है।
यह दक्षिण पश्चिम रेलवे ज़ोन के अन्तर्गत मैसूर रेलवे मंडल के तहत आता है।
संयोजन[संपादित करें]
मैसूर-बैंगलोर रेलवे लाइन यहां की सबसे व्यस्त लाइन है। बैंगलोर से मैसूर के बीच अनेक रेलें चलती हैं। शताब्दी एक्सप्रेस मैसूर को चेन्नई से जोड़ती है। इसके अलावा मैसूर-चामराजनगर शाखा लाइन और मैसूर-हसन रेलवे लाइन है जो कृष्णराजसागर रेलवे स्टेशन और हसन जंक्शन के माध्यम से मैसूर जंक्शन को अर्सिकेरे जंक्शन से जोड़ती है[1]
सुविधाएँ[संपादित करें]
यात्रियों और ट्रेनों को सम्भालने के लिये यहां छ: प्लेटफॉर्म बने हुए है। इसके अलाव अन्य सुविधाओं में प्रतीक्षा कक्ष में स्नान की सुविधा, जलपान कक्ष, क्लोक रूम, पुस्तक और आवश्यक सामानों के स्टॉल, सार्वजनिक फोन और इंटरनेट सुविधाएं, वाटर कूलर और भुगतान और शौचालय शामिल हैं।
रेलवे संग्रहालय[संपादित करें]
रेलवे स्टेशन के समीप एक संग्रहालय है जहाँ पुराने रेल इंजनों का प्रदर्शन किया गया है। यह 1979 में भारतीय रेलवे द्वारा स्थापित किया गया था, और दिल्ली के बाद यह उसी तरह का दूसरा संग्रहालय है। प्रदर्शनी में से एक महारानी सैलून कैरिज है, जिसमें रसोईघर और शाही शौचालय बने हुए हैं, और जो 1899 में मैसूर शाही परिवार के लिये बानये गये थे। पुराने श्रीरंगपटना रेलवे स्टेशन के लकड़ी के दरवाजे और खंभे भी प्रदर्शित किये गये हैं। अन्य प्रदर्शनों में एक 1925 ऑस्टिन रेल मोटर कार, 1900 निर्मित डब्ल्यूजी बैगनॉल 1625, 1920 में उत्तरी ब्रिटिश लोकोमोटिव कं द्वार बनी एक सरे आयरन रेलवे (एसआईआर) क्लास ई 37244 4-4-4T लोकोमोटिव, 1932 में डब्ल्युजी बैगनॉल द्वारा मैसूर रेलवे के लिए निर्मित एक दक्षिणी रेलवे क्लास टीएस/1 37338 2-6-2T आदि।[2]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Proposal for electrification of Mysuru-Hassan-Mangaluru line in Union Budget-2018 | Mysuru News - Times of India" (अंग्रेज़ी में). The Times of India.
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in Authors list (मदद) - ↑ Rao, Bindu Gopal (26 August 2014). "Reliving journeys of a bygone era" (Bangalore). Deccan Herald. अभिगमन तिथि 16 January 2015.
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- ई-रैल पर मैसूर जंक्शन रेलवे स्टेशन