मैकमहोन रेखा

मैकमहोन रेखा भारत और तिब्बत के बीच सीमा रेखा है। यह अस्तित्व में सन् १९१४ में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत आई थी। १९१४ के बाद से अगले कई वर्षो तक इस सीमारेखा का अस्तित्व कई अन्य विवादों के कारण कहीं छुप गया था, किन्तु १९३५ में ओलफ केरो नामक एक अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी ने तत्कालीन अंग्रेज सरकार को इसे आधिकारिक तौर पर लागू करने का अनुरोध किया। १९३७ में सर्वे ऑफ इंडिया के एक मानचित्र में मैकमहोन रेखा को आधिकारिक भारतीय सीमारेखा के रूप में पर दिखाया गया था।
इस सीमारेखा का नाम सर हैनरी मैकमहोन के नाम पर रखा गया था, जिनकी इस समझौते में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी और वे भारत की तत्कालीन अंग्रेज सरकार के विदेश सचिव थे। अधिकांश हिमालय से होती हुई सीमारेखा पश्चिम में भूटान से ८९० कि॰मी॰ और पूर्व में ब्रह्मपुत्र तक २६० कि॰मी॰ तक फैली है। जहां भारत के अनुसार यह चीन के साथ उसकी सीमा है, वही, चीन १९१४ के शिमला समझौते को मानने से इनकार करता है। चीन के अनुसार तिब्बत स्वायत्त राज्य नहीं था और उसके पास किसी भी प्रकार के समझौते करने का कोई अधिकार नहीं था। चीन के आधिकारिक मानचित्रों में मैकमहोन रेखा के दक्षिण में ५६ हजार वर्ग मील के क्षेत्र को तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। इस क्षेत्र को चीन में दक्षिणी तिब्बत के नाम से जाना जाता है। १९६२-६३ के भारत-चीन युद्ध के समय चीनी फौजों ने कुछ समय के लिए इस क्षेत्र पर अधिकार भी जमा लिया था। [1] फिर चीन ने एकतरफ़ा युद्ध विराम घोषित कर दिया और उसकी सेना मैकमहोन रेखा के पीछे लौट गई। इस कारण ही वर्तमान समय तक इस सीमारेखा पर विवाद यथावत बना हुआ है, लेकिन भारत-चीन के बीच भौगोलिक सीमा रेखा के रूप में इसे अवश्य माना जाता है। भारत और चीन की सीमा को मैकमोहन रेखा कहते हैं। जिसका निर्धारण 1914 में शिमला समझौते के तहत किया गया
चित्र दीर्घा[संपादित करें]
- ऐतिहासिक मानचित्रों में मैकमहोन रेखा
"इम्पीरियल गैज़ेटियर ऑफ इंडिया" का आधिकारिक मानचित्र, नाम: भारत और पड़ोसी देश। इसमें बाहरी रेखा ब्रिटिश राज और चीनी साम्राज्य की सीमारेखा दिखाती है।
चीन में तिब्बती स्वायत्त्त क्षेत्र
तिब्बती निष्कासित जनजाति द्वारा दावित ऐतिहासिक तिब्बत
चीन द्वारा दिखाये तिब्बती क्षेत्र
भारत दावित चीन अधिकृत अकसाई चिन क्षेत्र
भारत अधिकृत, चीन दावित तिब्बती क्षेत्र
तिब्बती सांस्कृतिक इतिहास से जुड़े अन्य क्षेत्र
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- भारत-चीन सम्बन्ध
- जॉनसन रेखा
- नियंत्रण रेखा
- डोकलाम विवाद 2017