सामग्री पर जाएँ

मृदा निर्माण

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
दक्षिण डकोटा, संयुक्त राज्य अमेरिका में बिना जुताई वाले खेत पर बनाई गई मिट्टी

मृदा निर्माण जिसे पेडोजेनेसिस के नाम से भी जाना जाता है मृदा उत्पत्ति की प्रक्रिया है जो स्थान, पर्यावरण और इतिहास के प्रभावों द्वारा नियंत्रित होती है।[1] जैव-भू-रासायनिक प्रक्रियाएं मृदा के भीतर एनिसोट्रॉपी को बनाने और नष्ट करने का कार्य करती हैं। इन परिवर्तनों के कारण परतों का विकास होता है जिन्हें मृदा क्षितिज कहा जाता है तथा ये रंग, संरचना, बनावट और रसायन विज्ञान में अंतर से पहचाने जाते हैं। मिट्टी के प्रकारों का वितरण एक खास तरीके से होता है जो मिट्टी बनाने वाले कारकों में अंतर के कारण बनता है।

मृदा निर्माण कम से कम पांच पारंपरिक कारकों; मूल पदार्थ, जलवायु, स्थलाकृति, जीव और समय से प्रभावित होता है तथा ये कारक मृदा के विकास में अन्तर्निहित होते हैं। जब इन्हें जलवायु, जीव, उच्चावच, मूल सामग्री और समय के अनुसार पुनर्व्यवस्थित किया जाता है तो ये संक्षिप्त रूप में क्लोरप्ट बनाते हैं।[2]

मूल पदार्थ

[संपादित करें]

वह खनिज पदार्थ जिससे मृदा बनती है उसे मूल पदार्थ कहते हैं। आग्नेय, अवसादी और कायांतरित चट्टानें सभी मृदा खनिज पदार्थों का स्रोत हैं तथा नाइट्रोजन, हाइड्रोजन और कार्बन को छोड़कर सभी पादप पोषक तत्वों का उद्गम स्थल हैं। जैसे-जैसे मूल चट्टान का रासायनिक और भौतिक रूप से अपक्षय, निक्षेपण और अवक्षेपण होता है वह मृदा में परिवर्तित हो जाती है।[3]

इन्हें भी देखे

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "स्वायल फॉर्मेशन". ब्रिटानिका (अंग्रेज़ी भाषा में). 20 September 2025. अभिगमन तिथि: 3 अक्टूबर 2025.
  2. जेनी, हेंस. फैक्टर्स ऑफ स्वायल फॉर्मेशन: ए सिस्टम ऑफ क्वांटिटेटिव पेडोलॉजी. न्यूयॉर्क: डोवर पब्लिकेशन. ISBN 978-0-486-68128-3. अभिगमन तिथि: 3 अक्टूबर 2025.
  3. ब्रैडी, नाइल सी. द नेचर एंड प्रॉपर्टीज ऑफ स्वायल्स (9 ed.). न्यूयॉर्क: मैकमिलन. ISBN 978-0029460306. अभिगमन तिथि: 3 अक्टूबर 2025.