मृत्यु स्मृति स्तम्भ

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मृत्यु स्मृति स्तम्भ छत्तीसगढ़ प्रांतके बस्तर अंचल की एक परम्परा है जिसके अन्तर्गत मृतक की कब्र पर स्मृति स्वरूप एक स्तम्भ लगाया जाता है। इस स्तम्भ पर मृत्यु प्राप्त व्यक्ति की पसंद के अनुरूप जीवन में उपयोग की गई वस्तुओं इत्यादि का चित्रांकन किया जाता है। इस तरह की परम्पराओं के इतिहास में भी उदाहरण मिलते है। दक्षिण भारत के अनेक स्थानों से ईसा पूर्व पांचवी सदी की लोहे की वस्तुएं मिली है। उस जमाने में लोग शवों को मिट्टी के बड़े शवाधानों में रखकर लम्बे चौड़े गड्ढों में रख देते थे और उपर बडे बड़े पाषाण खड़े कर देते थे, इसलिए उनकी संस्कृति को महापाषाण संस्कृति का नाम दिया गया। ३ मिश्रवासियों ने भी पूर्व में पिरामिडों का निर्माण कर उसमें शवों को सुरक्षित रख उसके जीवन से संबंधित वस्तुओं को उसके समीप रख दिया जाता था।

इसी तरह बस्तर में शुभ अवसरों पर भी कलात्मक स्तम्भ निर्माण किया जाता है जिसमें विवाह स्तम्भ प्रचलन में हैं। किसी भी स्थानीय व्यक्ति के धर के आंगन में खड़े स्तम्भ और उस पर अंकित आकृतियों चाहे रिलीफ द्वारा निर्मित हो या चित्रांकन हो, उस घर में आयोजित विवाहों का अंदाजा लगाया जा सकता है। क्योंकि प्रत्येक विवाह का एक स्तम्भ आंगन में विवाह की परम्परा के अनुसार लगाया जाता है।

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