मुण्डा
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कुल जनसंख्या | |
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3,748,000 [1] | |
विशेष निवासक्षेत्र | |
भारत | 3,692,000[2] |
असम | 1,441,000[2] |
झारखण्ड | 1,244,000[2] |
उड़ीसा | 565,000[2] |
पश्चिम बंगाल | 369,000[2] |
अरुणाचल प्रदेश | 17,000[2] |
छत्तीसगढ़ | 15,000[2] |
त्रिपुरा | 15,000[2] |
बिहार | 14,000[2] |
मध्य प्रदेश | 5,200[2] |
मणिपुर | 2,300[2] |
बांग्लादेश | 51,000[3] |
सिलहट | 22,000[3] |
राजशाही | 19,000[3] |
खुलना | 4,500[3] |
रंगपुर | 2,700[3] |
ढाका | 1,900[3] |
चटगांव | 600[3] |
नेपाल | 2,000[4] |
कोसी | 1,400[4] |
मेची | 500[4] |
बागमती | 100[4] |
जनकपुर | 70[4] |
सागरमाथा | 70[4] |
भूटान | 2,200[5] |
पश्चिमी | 1,300[5] |
पूर्वी | 600[5] |
दक्षिणी | 100[5] |
अमेरिका | 500[6] |
भाषाएँ | |
मुण्डारी | |
धर्म | |
सरना धर्म | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
भूमिज • सांथाल • हो • खड़िया • उरांव |
मुण्डा भारत की एक जनजाति है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करता है। झारखण्ड के अलावा ये बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा आदि भारतीय राज्यों में भी रहते हैं। इनकी भाषा मुण्डारी आस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की एक प्रमुख भाषा है।[7][8]
उनका भोजन मुख्य रूप से धान, मड़ुआ, मक्का, जंगल के फल-फूल और कंद-मूल हैं। वे सूत्ती वस्त्र पहनते हैं। महिलाओं के लिए विशेष प्रकार की साड़ी होती है, जिसे बारह हथिया (बारकी लिजा) कहते हैं। पुरुष साधारण-सा धोती का प्रयोग करते हैं, जिसे तोलोंग कहते हैं। मुण्डा, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। २० वीं सदी के अनुसार उनकी संख्या लगभग १,०००,००० थी।[9]
इतिहास
[संपादित करें]मुण्डा लोगों का इतिहास अस्पष्ट है। यद्यपि वे छोटा नागपुर में कैसे आए, यह विवादित है, लेकिन इस बात पर सहमति है कि आधुनिक मुण्डा भाषाओं के बोलने वाले पूर्वजों ने महाद्वीपीय दक्षिण पूर्व एशिया के ऑस्ट्रोआयसटिक मातृभूमि से पश्चिम की ओर पलायन किया था।[10]
भाषाविद, पॉल सिडवेल (2018) के अनुसार, प्रोटो-मुण्डा भाषा शायद ऑस्ट्रोएशियाटिक से अलग हो गई है जो आज दक्षिणी चीन या दक्षिण पूर्व एशिया से लगभग 4000-3500 साल पहले पूर्वी भारत में आया।[11] मुंडा की एक समूह पूर्व में चली गई और अन्य मुंडाओं के साथ संबंध खो दिया, जिसे भूमिज जनजाति कहा जाता है। मुंडा, भूमिज और हो जनजाति एक ही नस्ल के हैं, जबकि संथाल थोड़ी भिन्न है। मुंडारी, भूमिज, हो और संथाली भाषा में थोड़ी समानताएं भी देखी जा सकती है। मुंडा-भूमिज की अपनी एक पारंपरिक शासन व्यवस्था होती है, जिसे मुंडा-मानकी शासन व्यवस्था कहा जाता है।
1800 के दशक के अन्त में, मुण्डा स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुण्डा ने भारत के ब्रिटिश शासन का विरोध करने का काम किया था।[12]
संस्कृति
[संपादित करें]मुण्डा संस्कृति की सामाजिक व्यवस्था बहुत ही बुनियादी और सरल है। मुण्डाओं के लिए भारतीय जाति व्यवस्था विदेशी है। उनके दफनाए गए पूर्वज परिवार के अभिभावक के रूप मे याद किए जाते हैं। दफन पत्थर (ससन्दीरी) उनका वंशावली का प्रतीक है। यह पत्थर सुलाकर धरती पर रखी जाती है पर कब्र के रूप में चिन्हित नहीं होता। बल्कि, मृतकों के हड्डियों को इस पत्थर के तहत रखते हैं, जहाँ पिछले पूर्वजों की हड्डियाँ भी मौजूद हैं। जब तक कब्रिस्तान (जंग तोपा) समारोह नहीं होता तब तक मृतकों के हड्डियों को मिट्टी के बर्त्तन में रखा जाता है। हर वर्ष में एक बार, परिवार के सभी सदस्य अपनी श्रद्धाञ्जलि देने के लिए दफन पत्थरों पर जाते हैं और यह आवश्यक माना है। पूर्वजों को याद करने के लिए अन्य पत्थर भी हैं जिन्हें मेमोरियल पत्थर (भो:दीरी) कहा जाता है। यह पत्थर खड़े स्थिति में रखा जाता है। इस पत्थर को रखने के लिए भी समारोह होता है जिसे पत्थर गड़ी (दीरी बीन) पर्ब कहते हैं।
प्रमुख त्योहार
[संपादित करें]मुख्य रूप से मुण्डाओं के निम्नलिखित त्योहार हैं - 1. सरहुल 2. करम 3. सोहराई 4. मागे 5. फागु
धर्म
[संपादित करें]सरना धर्म
उल्लेखनीय लोग
[संपादित करें]- मदरा मुण्डा : सुतियाम्बे के मुण्डा।
- बिरसा मुण्डा : महान स्वतंत्रता सेनानी। उलगुलान के नायक।
- जयपाल सिंह मुण्डा : ओलंपिक में सर्वप्रथम स्वर्ण पदक दिलाने वाले भारतीय हॉकी टीम के कप्तान। संविधान सभा के सदस्य। झारखंड आंदोलन के प्रणेता।
- राम दयाल मुण्डा : आदिवासी मामलों के विद्वान। भाषाविद, शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी और मानवशास्त्री। पदमश्री से सम्मानित।
- कड़िया मुण्डा : राजनीतिज्ञ, कई बार भारत सरकार में मंत्री रह चुके है। लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का भी पदभार संभाल चुके हैं। पदम भूषण पुरस्कार से सम्मानित।
- तुलसी मुण्डा : ओडिसा में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान। पदमश्री से सम्मानित।
- अर्जुन मुुुण्डा : राजनीतिज्ञ, झारखंड में कई बार मुख्यमंत्री बने।
- अनुज लुगुन - सन 2011 का भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार प्राप्त करने वाले कवि।
- दयामणि बारला, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता।
- अमृत लुगुन : भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी यमन में भारत के राजदूत।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "A Tribe Name".
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ क "An Indian Scheduled Tribe Name".
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए "A Bangladesh Tribe Name".
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ "A Nepal Tribe Name".
- ↑ अ आ इ ई "A Bhutan Tribe Name".
- ↑ "A United States Tribe Name".
- ↑ Project, Joshua. "Munda in India". joshuaproject.net (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-01-05.
- ↑ "Munda | Tribal Research and Cultural Institute". trci.tripura.gov.in. अभिगमन तिथि 2023-01-05.
- ↑ Munda http://global.britannica.com/EBchecked/topic/397427/Munda Archived 2013-05-14 at the वेबैक मशीन
- ↑ "संस्कृति और विरासत | जिला खूँटी, झारखण्ड सरकार | भारत". अभिगमन तिथि 2023-01-05.
- ↑ Sidwell, Paul. 2018. Austroasiatic Studies: state of the art in 2018 Archived 2019-05-03 at the वेबैक मशीन. Presentation at the Graduate Institute of Linguistics, National Tsing Hua University, Taiwan, May 22, 2018.
- ↑ Pandey, Prashant (2017-09-18). "Jharkhand: Amit Shah launches scheme for villages of freedom fighters". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). मूल से 14 नवंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-10-21.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]मुण्डा लोग से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
- मुण्डा जनजाति के धर्म पर सरना – धर्म में एक व्यष्टि अध्ययन Archived 2008-01-31 at the वेबैक मशीन
- सिंगलुंग – भारतीय जनजाति
- “Mundās”। ब्रिटैनिका विश्वकोष (11th) 18। (1911)। यह लेख सम्बंधित भाषा परिवार का उल्लेख करता है।