सामग्री पर जाएँ

मिस्र का मध्य साम्राज्य

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

मिस्र का मध्य साम्राज्य (जिसे पुनःएकीकरण काल भी कहा जाता है) प्राचीन मिस्र के इतिहास का वह समय है जो प्राचीन मिस्र के पहले अंतरिम काल के बाद आता है। यह काल लगभग 2040 से 1782 ईसा पूर्व तक था और इसमें मिस्र को फिर से एकीकृत किया गया। इस काल की शुरुआत, मिस्र के इलेवेंथ राजवंश के राजा मंटुहोटेप द्वितीय के शासन से होती है, जिसने देश को एकजुट किया और इसका अंत ट्वेल्थ राजवंश के समाप्ति पर हुआ।[1]

मध्य साम्राज्य का विचार पहली बार सन् 1845 में जर्मन मिस्रविज्ञानी बारोन वॉन बंसेन द्वारा पेश किया गया था और इसके संदर्भ में परिभाषा 19वीं और 20वीं शताब्दी में काफी विकसित हुई। कुछ विद्वान इसमें तेरहवें राजवंश को भी समाहित करते हैं, इस प्रकार मध्य साम्राज्य का काल लगभग 1650 ईसा पूर्व तक माना जाता है।

राजनीतिक इतिहास

[संपादित करें]

ग्यारहवें राजवंश के तहत पुनःएकीकरण

[संपादित करें]

मध्य साम्राज्य की शुरुआत इलेवेंथ राजवंश के राजा मंटुहोटेप द्वितीय से हुई। उन्होंने 2055 ईसा पूर्व में सिंहासन पर बैठने के बाद मिस्र के विभाजन के अंत की दिशा में कदम बढ़ाए। मंटुहोटेप द्वितीय ने पहले हेराक्लोपोलिस के शासकों को हराया और फिर मिस्र को फिर से एकजुट किया। उनके शासनकाल में, उन्होंने नुबिया में छोटे अभियानों को भी अंजाम दिया और सिनाई क्षेत्र में मिस्र का प्रभुत्व फिर से स्थापित किया। इसके अलावा, मंटुहोटेप द्वितीय ने खुद को एक देवता के रूप में प्रस्तुत किया और अपनी शक्ति को स्थापित करने के लिए स्वयं को अमुन और मिन के हेडगियर में चित्रित किया।[2]

बारहवां राजवंश

[संपादित करें]

मध्य साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक ट्वेल्थ राजवंश था। इस राजवंश के तहत मिस्र में बहुत सी सैन्य और प्रशासनिक सुधार किए गए। राजा अमेनेमहत प्रथम ने मिस्र के पूर्वी डेल्टा क्षेत्र में दीवारें बनवाईं और अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए नया प्रशासनिक केंद्र स्थापित किया। उनके बाद, सेनूसरेत I ने भी नुबिया में विजय प्राप्त की और मिस्र का साम्राज्य दक्षिण में तक विस्तृत किया।

सेनूसरेत तृतीया का शासन

[संपादित करें]

सेनूसरेत तृतीया का शासन मध्य साम्राज्य का शिखर था। वह एक महान योद्धा राजा थे और उनके समय में मिस्र ने नुबिया में कई महत्वपूर्ण युद्ध जीते। उन्होंने नुबिया में सिमना किले का निर्माण किया, जो मिस्र और नुबिया के बीच की सीमा का प्रतीक था। सेनूसरेत तृतीया ने अपनी सैन्य शक्ति का उपयोग किया और मिस्र के दक्षिणी सीमा क्षेत्रों को मजबूत किया।[3]

धार्मिक और सांस्कृतिक योगदान

[संपादित करें]

मध्य साम्राज्य के दौरान मिस्र में धार्मिक जीवन में भी परिवर्तन हुआ। इस समय के दौरान ओसिरिस को लोकप्रिय धर्म में सर्वोत्तम देवता माना जाने लगा और उसके पूजा अनुष्ठान पूरे मिस्र में फैल गए।

मध्य साम्राज्य के दौरान कला और साहित्य में भी विकास हुआ। इस काल में कागज पर लिखी गई कहानियाँ और शाही आदेशों की प्रथाएँ प्रचलित हुईं।[4]

मध्य साम्राज्य का पतन

[संपादित करें]

मध्य साम्राज्य का पतन दूसरी मध्यकालीन अवधि के साथ हुआ, जब हिक्सोस जैसे पश्चिम एशियाई समूहों ने मिस्र के निचले हिस्से में शासन करना शुरू किया। यह समय मिस्र के लिए एक और राजनीतिक विघटन का समय था।

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. Oppenheim, Adela; Arnold, Dorothea; Arnold, Dieter; Yamamoto, Kei (2015-10-12). Ancient Egypt Transformed: The Middle Kingdom (अंग्रेज़ी भाषा में). Metropolitan Museum of Art. ISBN 978-1-58839-564-1.
  2. Bell, Barbara (1975-07). "Climate and the History of Egypt: The Middle Kingdom". American Journal of Archaeology. 79 (3): 223–269. डीओआई:10.2307/503481. आईएसएसएन 0002-9114. {{cite journal}}: Check date values in: |date= (help)
  3. Jasnow, Richard (2003-01-01), "EGYPT: MIDDLE KINGDOM AND SECOND INTERMEDIATE PERIOD", A History of Ancient Near Eastern Law (2 vols) (अंग्रेज़ी भाषा में), Brill, pp. 253–288, ISBN 978-90-474-0209-1, अभिगमन तिथि: 2025-01-17
  4. Grajetzki, Wolfram (2024-05-16). The Middle Kingdom of Ancient Egypt: History, Archaeology and Society (अंग्रेज़ी भाषा में). Bloomsbury Publishing. ISBN 978-1-350-45555-9.