मिल्कीपुर
मिल्कीपुर | |||||||
— विधानसभा — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | ![]() | ||||||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||||||
विधायक | बाबा गोरखनाथ | ||||||
उपजिलाधिकारी | गिरजेश कुमार चौधरी | ||||||
जनसंख्या | १,७६४ (२००१ के अनुसार [update]) | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• ९४ मीटर | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: faizabad.nic.in |
निर्देशांक: 26°35′40″N 81°54′34″E / 26.594375°N 81.909554°E
मिल्कीपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले का एक नगर, विधानसभा क्षेत्र तथा तहसील है। तथा अयोध्या से रायबरेली राजमार्ग पर स्थित है। २००१ में इसकी जनसंख्या १,७६४[1] तथा साक्षरता दर ५२% थी। मिल्कीपुर थाना और तहसील मुख्यालय मिल्कीपुर केंद्र से ५ किलोमीटर उत्तर में इनायतनगर नामक स्थान पर स्थित है। मिल्कीपुर तहसील में स्थित नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मिल्कीपुर केंद्र से लगभग १० किलोमीटर दक्षिण में कुमारगंज नामक कस्बे में स्थित है।
जिसके वर्तमान M.L.A बाबा गोरखनाथ है सन (2017-2022
मिल्कीपुर का इतिहास[संपादित करें]
मिल्कीपुर नगर की स्थापना मिल्की या मालिक जाति के लोगों ने की थी जो प्राचीन काल में कभी यहाँ पर रहा करते थे और उन्हीं के नाम पर इस नगर का नाम मिल्कीपुर पड़ा। मिल्की या मालिक मुस्लिमों की एक जाति है जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में पायी जाती है। थोड़ी संख्या में मिल्की जाति के लोग पकिस्तान के कराची शहर में भी पाए जाते हैं। मालिक या मिल्की जाति के लोगों का नाम मिल्की इसलिए पड़ा क्योंकि इन लोगों को दिल्ली सल्तनत के दौरान कर रहित भूमि दी गयी थी ताकि ये लोग वहां पर अपना गांव बसा सकें, ऐसी जमीन को मिलकियत कहा जाता था और इसी वजह से इन लोगों का नाम मिल्की या मालिक पड़ा और जिस जगह पर ये लोग बसे उस जगह का नाम मिल्कीपुर पड़ा। मालिक लोग मुख्य रूप से लेखक, या प्रशाशनिक अधिकारी होते थे कुछ लोगों को मुंशी या चपरासी का काम भी दिया गया था। मिल्कीपुर का इतिहास पर्यटन स्थल के रूप मे भी जाना जाता जिसमे प्रमुख रूप से त्रेता युग से जुडा हुआ है जब राजा दषरथ सरयू किनारे षिकार के लिए निकले थे तब श्रवण को अपना र्षिकार समझ अनजाने मे बाण चला दिया था श्रवण कुमार अपने माता पिता को मिल्कीपुर क्षेत्र के बारून बाजार से पष्चिम अन्धी अन्धा आश्रम पर बैठाकर पानी लाने गये थे जो आज भी आस्था का केन्द्र है। तथा इस क्षेत्र मे अगस्त मुनि की कुटी भी आस्तीकन बाजार मे स्थित है तथा कई भोजपुरी एलबम मे काम कर चुके शिवशंकर यादव भी इसी क्षेत्र से अपना नाम बढाया है[कृपया उद्धरण जोड़ें]
भूगोल[संपादित करें]
मिल्कीपुर पृथ्वी पर 26°35′40″N 81°54′34″E / 26.594375°N 81.909554°E.[2] अक्षांशों पर स्थित है तथा इसकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई ९४ मीटर है। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र गोमती एवं तमसा नदियों से घिरा हुआ है।
जन सांख्यिकी[संपादित करें]
भारतीय जनगणना २००१[1] के अनुसार मिल्कीपुर कस्बे की जनसँख्या १,७६४ थी। जिसमे ५२% पुरुष और ४८% महिला आबादी थी। मिल्कीपुर की औसत साक्षरता दर ५२% थी जो कि राष्ट्रीय साक्षरता दर ५९.५% से कम थी। पुरुष साक्षरता दर ६३% एवं महिला साक्षरता दर ३९% थी। मिल्कीपुर की १७% आबादी ६ साल की उम्र से नीचे पायी गयी थी।
जलवायु[संपादित करें]
मिल्कीपुर के जलवायु आँकड़ें | |||||||||||||
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माह | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितम्बर | अक्टूबर | नवम्बर | दिसम्बर | वर्ष |
उच्चतम अंकित तापमान °C (°F) | 28 (82) |
32 (90) |
41 (106) |
44 (111) |
46 (115) |
48 (118) |
41 (106) |
38 (100) |
38 (100) |
37 (99) |
33 (91) |
28 (82) |
48 (118) |
औसत उच्च तापमान °C (°F) | 18 (64) |
26 (79) |
32 (90) |
36 (97) |
40 (104) |
42 (108) |
36 (97) |
34 (93) |
35 (95) |
32 (90) |
26 (79) |
20 (68) |
33 (91) |
औसत निम्न तापमान °C (°F) | 6 (43) |
12 (54) |
16 (61) |
22 (72) |
27 (81) |
29 (84) |
27 (81) |
26 (79) |
25 (77) |
20 (68) |
12 (54) |
7 (45) |
15 (59) |
निम्नतम अंकित तापमान °C (°F) | −3 (27) |
7 (45) |
— | — | — | — | — | — | — | — | — | — | −3 (27) |
औसत वर्षा मिमी (inches) | 23 (0.91) |
16 (0.63) |
9 (0.35) |
5 (0.2) |
6 (0.24) |
68 (2.68) |
208 (8.19) |
286 (11.26) |
202 (7.95) |
43 (1.69) |
7 (0.28) |
8 (0.31) |
881 (34.69) |
स्रोत: [3] |
मिल्कीपुर की जलवायु आर्द्र अर्ध-कटिबन्धीय जलवायु है। दिसंबर से फरवरी तक शुष्क शीतकाल होता है तथा मार्च से जुलाई तक शुष्क ग्रीष्मकाल होता है। लगभग मध्य जून से लेकर मध्य सितम्बर तक वर्षा ऋतू होती है। यहाँ पर मूलतः दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून हवाओं की वजह से औसत १०१० मिलीमीटर तक वर्षा होती है। गर्मियों में तापमान ३५ से ४५ डिग्री सेल्सियस तक रहता है। जाड़ों में तापमान अधिकतम २५ डिग्री तथा न्यूनतम २-३ डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है तथा दिसंबर और जनवरी के महीनों में घना कुहरा पड़ता है।
मुख्य फसलें[संपादित करें]
गेंहूँ, चावल, गन्ना, सरसों, आम, इत्यादि यहाँ की मुख्य फसलें हैं।
प्रमुख धर्म[संपादित करें]
मिल्कीपुर में मुख्यतः हिन्दू और मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं।
प्रमुख त्यौहार[संपादित करें]
मिल्कीपुर में लगभग सभी हिन्दू और प्रमुख इस्लामिक त्यौहार जैसे होली, दीपावली, विजयदशमी, रक्षाबंधन, रामनवमी, तिलवा, ईद इत्यादि पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं।
बैंकिंग सेवाएँ[संपादित करें]
मिल्कीपुर में भारत के प्रमुख बैंकों जैसे कि इलाहाबाद बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा 【 एचडीएफसी बैंक】आदि की आधुनिक बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध हैं।
आवागमन[संपादित करें]
मिल्कीपुर उत्तर प्रदेश के राज्य महामार्ग संख्या १५ पर स्थित है तथा सड़क मार्ग द्वारा राजधानी लखनऊ, जिला मुख्यालय अयोध्या तथा अन्य शहरों जैसे कि रुदौली,राजेसुल्तानपुर एवं जगदीशपुर से सीधे जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग[संपादित करें]
मिल्कीपुर सड़क मार्ग द्वारा लखनऊ (११५ कि.मी.), अयोध्या (३२ कि.मी.), रुदौली (२३ कि.मी.) तथा जगदीशपुर (३० कि.मी.) से भली भांति जुड़ा हुआ है।
वायु मार्ग[संपादित करें]
नजदीकी एयरपोर्ट अयोध्या (४० कि.मी.), लखनऊ (१२० किमी) तथा बनारस (२०० किमी) हैं।
शिक्षा[संपादित करें]
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्याय[संपादित करें]
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्याय उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के मिल्कीपुर विधानसभा के कुमारगंज नामक कस्बे में स्थित है। इस विश्वविद्याय का शिलान्यास १५ जनवरी सन १९७४ को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने अयोध्या के निकट मसोधा नामक स्थान पर किया था। कृषि विभाग में PCS अधिकारी श्री लक्ष्मी नारायण राय को विशिष्ट अधिकारी नियुक्त किया गया। कुछ महीनो के बाद सन १९७४ में ही उनका स्थान डॉ॰ A.S. श्रीवास्तव ने ले लिया। उनकी टीम द्वारा कुछ त्वरित कार्य किये गए। सन १९७५ में उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर मसोधा की बजाय मिल्कीपुर में कुमारगंज नामक स्थान पर स्थापित करने का फैसला किया। सेवा निवृत्त IAS ऑफिसर श्री A.D. पाण्डेय को १० अक्टूबर १९७५ को विश्वविद्याय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया। विश्वविद्यालय ने अपना संचालन, ग्राम स्वावलंबी विद्यालय आचार्य नगर नाका अयोध्या से किराये पर जमीन लेकर शुरू किया था। सन १९७५ में डॉ॰ R.P. चंदोला विश्वविद्यालय के पहले रजिस्ट्रार नियुक्त किया गए।
अन्य विद्यालय एवं शिक्षण संस्थान[संपादित करें]
- भारतीय शिक्षा सदन आचार्य नगर मिल्कीपुर अयोध्या।
- सर्वोदय इण्टर कालेज रामगन्ज मिल्कीपुर अयोध्या।
- विघा मन्दिर इण्टर कालेज मिल्कीपुर अयोध्या।
- विघा मन्दिर डिग्री कालेज मिल्कीपुर अयोध्या।
- राम पति बलभद्र प्रसाद इण्टर कालेज मिल्कीपुर अयोध्या।
- दरबारीलाल इण्टर कालेज मिल्कीपुर अयोध्या।
- श्री दद्दन प्रसाद माता देवी इंटर कॉलेज भिटारी बाबा रनापुर अयोध्या।
- ज्ञानदीप इण्टर कालेज अछोरा मिल्कीपुर अयोध्या।
- बलदेव बिद्या पीठ इण्टर कॉलेज सेेवरा अयोध्या।
- डाँ.स्वामी ओमानन्द इण्टर काँलेज कुरावन मिल्कीपुर अयोध्या।
- राम चरण इंटर कॉलेज घटौली अयोध्या।
- डॉ. अरविन्द स्मारक इंटर कॉलेज ऑफ़ अयोध्या।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ अ आ "भारत की जनगणना २००१: २००१ की जनगणना के आँकड़े, महानगर, नगर और ग्राम सहित (अनंतिम)". भारतीय जनगणना आयोग. अभिगमन तिथि 2007-09-03.
- ↑ "Falling Rain Genomics, Inc - Milkipur". मूल से 2 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 दिसंबर 2013.
- ↑ "Milkipur". मूल से 21 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2010.