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माहेश की रथयात्रा

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माहेश की रथयात्रा ( बांग्ला: মাহেশের রথযাত্রা ) बंगाल का सबसे पुराना रथ उत्सव है, [1] और कहा जाता है कि यह 1396 से मनाया जा रहा है। [2] जगन्नाथ देब का पहला मंदिर शेओड़ाफुली राज के राजा मनोहर रॉय द्वारा बनाया गया था, जिन्होंने जगन्नाथपुर मौजा की स्थापना में भूमि का एक बड़ा हिस्सा भी दान किया था। [3] यह भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के श्रीरामपुर के ऐतिहासिक इलाक़े माहेश में आयोजित किया जाता है। यह एक सप्ताह तक चलने वाला त्यौहार है और उस समय एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है। [4] लोग मंदिर से माहेश गुंडिचा बाड़ी (या, माशिर बाड़ी) तक और 8वें दिन वापस आने की यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के रथों से जुड़ी लंबी रस्सियों (रोशी) को खींचने में हिस्सा लेने के लिए उमड़ पड़ते हैं।

शेओड़ाफुली राज के राज पुजारी, रजत छत्र के साथ माहेश जगन्नाथ देव की स्नान यात्रा की ओर रवाना
  1. "Rathayatra celebrated in West Bengal". The Hindu. 4 July 2008. मूल से 2008-10-13 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-10-18.
  2. "Bengal celebrates Rathajatra festival". Monsters and Critics. 16 July 2007. अभिगमन तिथि 2008-10-18.[मृत कड़ियाँ]
  3. Pandit Sibendra Nath Shastri(1934).
  4. The Rath Yatra of Mahesh in Bengal, second oldest in the World, turns 623 years Archived 2021-07-13 at the वेबैक मशीन indianexpress.com.