मालगुडी
मालगुडी (अंग्रेज़ी: Malgudi) अंग्रेजी साहित्य के सुप्रसिद्ध भारतीय लेखक आर के नारायण की अनेक रचनाओं में केंद्रीय महत्व प्राप्त एक काल्पनिक शहर (कस्बा) का नाम है। उन्होंने इस काल्पनिक शहर को आधार बनाकर अपनी अनेक रचनाएँ की हैं। मालगुडी को प्रायः दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा माना जाता है।
नाम का पुस्तक रूप में प्रथम प्रयोग
[संपादित करें]आर के नारायण ने इस काल्पनिक शहर 'मालगुडी' का रचनात्मक प्रयोग अपनी कई पुस्तकों में किया है, परन्तु इसी नाम पर आधारित पहली पुस्तक थी 1942 ईस्वी में प्रकाशित उनकी कहानियों का सुप्रसिद्ध संग्रह मालगुडी की कहानियाँ (मालगुडी डेज़)। इस काल्पनिक स्थान के संदर्भ में स्वयं लेखक की टिप्पणी इस प्रकार है:- "मैंने इस संकलन का नाम मालगुडी कस्बे पर दिया है, क्योंकि इससे इसे एक भौगोलिक व्यक्तित्व मिल जाता है। लोग अक्सर पूछते हैं : 'लेकिन यह मालगुडी है कहाँ?' जवाब में मैं यही कहता हूँ कि यह काल्पनिक नाम है और दुनिया के किसी भी नक्शे में इसे ढूंढा नहीं जा सकता (यद्यपि शिकागो विश्वविद्यालय ने एक साहित्यिक एटलस प्रकाशित किया है जिसमें भारत का नक्शा बनाकर उसमें मालगुडी को भी दिखा दिया गया है)। अगर मैं कहूँ कि मालगुडी दक्षिण भारत में एक कस्बा है तो यह भी अधूरी सच्चाई होगी, क्योंकि मालगुडी के लक्षण दुनिया में हर जगह मिल जाएँगे।"[1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ मालगुडी की कहानियाँ, आर० के० नारायण, राजपाल एंड सन्ज़, दिल्ली, दशम संस्करण-2016, पृष्ठ-6.