मानव द्वारा आग का नियंत्रण
दिनांक | लगभग 1.7 से 2 मिलियन वर्ष पहले |
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अवश्थिति | विश्वभर में (प्रारंभिक मानवों के निवास स्थान) |
कारण | प्राकृतिक आग, फिर मानव द्वारा नियंत्रण का विकास |
भागीदार | होमो एरेक्टस, होमो हबिलिस, और अन्य प्राचीन मानव प्रजातियाँ |
परिणाम | शिकार और भोजन पकाने के लिए आग का उपयोग, सुरक्षा प्राप्ति, सांस्कृतिक विकास |
मानव इतिहास में आग पर नियंत्रण एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि थी जिसने मानव के विकास को संभव बनाया। आग ने मानवों को गर्मी और प्रकाश की आपूर्ति करने के साथ-साथ शिकारी उपकरणों के निर्माण, भोजन पकाने और शिकारियों से सुरक्षा प्राप्त करने में मदद की। आग के उपयोग से मानवों को रात के समय में भी कार्य करने की क्षमता मिली और इसके साथ ही उनके खानपान और व्यवहार में बदलाव आया। इसने मानव सभ्यता के विकास, सांस्कृतिक नवाचारों और भूगोल में फैलाव को भी प्रेरित किया।[1]
आग के नियंत्रण का सबसे पुराना प्रमाण लगभग 17 से 20 लाख वर्ष पूर्व का है, जब होमो प्रजाति के किसी सदस्य ने आग पर नियंत्रण प्राप्त किया था। होमो इरेक्टस द्वारा आग के नियंत्रित उपयोग के प्रमाण लगभग 10 लाख वर्ष पहले के माने जाते हैं। आग के उपयोग के कुछ शुरुआती उदाहरण इज़राइल के 'गेशेर बेनोट याकोव' स्थान से मिले हैं, जहाँ लगभग 790000 वर्ष पुराने जलने के प्रमाण मिले थे। यहाँ पुरातत्वविदों ने 780,000 वर्ष पुरानी मछली पकाने के संकेत भी पाए हैं। हालांकि कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि आग के द्वारा भोजन पकाने की प्रक्रिया लगभग 18 लाख वर्ष पहले शुरू हुई थी।[2]
प्रारंभिक मानवों द्वारा आग पर नियंत्रण एक क्रमिक प्रक्रिया थी, जिसमें कई चरण शामिल थे। यह प्रक्रिया उस समय के पर्यावरण में बदलावों और आग के प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले स्थानों का उपयोग करने के साथ शुरू हुई थी। इसके बाद, मनुष्य ने आग को अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने के लिए नियंत्रित किया और उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का तरीका सीखा। आग को एक स्थान पर बनाए रखने का कौशल और उसे लंबे समय तक जलाने की क्षमता का विकास हुआ, जिससे उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर शिविर स्थापित किए और आग को अपने शिकार और भोजन के लिए उपयोग किया।
आग पर नियंत्रण के बारे में सबसे पुराना प्रमाण दक्षिण अफ्रीका की 'वंडरवर्क गुफा' से प्राप्त हुआ है, जो लगभग 1 मिलियन वर्ष पुराना है। इसके अलावा, अन्य अफ्रीकी और एशियाई स्थलों पर भी आग के उपयोग के संकेत मिले हैं, जैसे कि 'कोबी फोरा' और 'स्वार्टकांस', जो आग के नियंत्रित उपयोग की पुष्टि करते हैं।
आग का इस्तेमाल उपकरण बनाने, खाना पकाने और अन्य दैनिक गतिविधियों में किया गया। यह प्रारंभिक मानव सभ्यता के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी और सांस्कृतिक उन्नति थी जिसने उनके जीवन के ढांचे और अस्तित्व को बदल दिया।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ ट्वॉमी, टेरेंस (2013-02-08). "The Cognitive Implications of Controlled Fire Use by Early Humans" [प्रारंभिक मनुष्यों द्वारा नियंत्रित अग्नि उपयोग के संज्ञानात्मक निहितार्थ]. कैम्ब्रिज आर्कियोलोजिकल जर्नल (अंग्रेज़ी भाषा में). 23 (1): 113–128. डीओआई:10.1017/S0959774313000085. आईएसएसएन 0959-7743.
- ↑ Stahlschmidt, Mareike C.; Miller, Christopher E.; Ligouis, Bertrand; Hambach, Ulrich; Goldberg, Paul; Berna, Francesco; Richter, Daniel; Urban, Brigitte; Serangeli, Jordi (2015-12-01). "On the evidence for human use and control of fire at Schöningen". Journal of Human Evolution. Special Issue: Excavations at Schöningen: New Insights into Middle Pleistocene Lifeways in Northern Europe. 89: 181–201. डीओआई:10.1016/j.jhevol.2015.04.004. आईएसएसएन 0047-2484.