महा कांगकोक


महा कांगकोक पक्षी कुकुलिडे परिवार के कोयल की प्रजाति है। इसका प्रजनन क्षेत्र एशिया के समशीतोष्ण क्षेत्र से लेकर हिमालय के तराई क्षेत्रों तक फैला है। यह सर्दियों में दक्षिणी भाग की ओर प्रवास करती है। इसकी आवाज़ तेज़ होता है, जो सामान्य कोयल जैसी परंतु थोड़ी धीमी होती है। और आकार में अन्य कोयल की प्रजातियों की तुलना में बड़ी होती है। इनमें से वयस्क प्रजाति के कोयल की ठोड़ी पर काले धब्बे पाये जाते हैं। इस कारण महा कांगकोक को आसानी से पहचाना जा सकता है। यह प्रजाति बुलबुल जैसी अन्य पक्षीयों के घोंसलों में अंडे देकर उनका परजीवी व्यवहार करती है।
वितरण
[संपादित करें]महा कांगकोक भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम के घने जंगलों में पाया जाता है।
आवास और स्थिति
[संपादित करें]इसके प्राकृतिक आवास समशीतोष्ण वन, उपोष्णकटिबंधीय तथा उष्णकटिबंधीय वन हैं, जहाँ यह घने पेड़ों और झाड़ियों में निवास करते है। लगातार वनों की कटाई के कारण ये प्रजातियाँ लुप्त हो रही है। इनकी प्रजातियों को आई॰यू॰सी॰एन॰ के संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में नामांकित कर दिया गया हे।[1]
व्यवहार
[संपादित करें]गर्मियों में महा कांगकोक बार-बार आवाज़ लगाती है और शाम ढलने के बाद भी इसकी आवाज़ सुनाई देती है, जबकि सर्दियों में यह प्रायः शांत रहती है। कई अन्य कोयलों की तरह यह भी प्रजनन परजीवी है। यह अपनी अंडे बुलबुल पक्षी के घोंसलों में देती है। ये अपने अंडों को अन्य पक्षीयों के अंडों की तरफ नकल करके देती है, जिससे पक्षीयाँ उन्हें पहचान नहीं पाते हैं और कोयल के अंडे सुरक्षित रूप से विकसित होते हैं।][2]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ बर्डलाइफ इंटरनेशनल 2004. महा कांगकोक 2006 आईयूसीएन संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची.
- ↑ यांग, चांहो; सु, टाॅगपिंग; लीयांग, वेई; मोलर, अंड्रेस पाऍ (2015-08-01). ""महा कांगकोक (Cuculus sparverioides) और इसके सह-अस्तित्व वाले बुलबुल पक्षी के बीच सह-अभिविकास : मेज़बान उपयोग में हाल ही में विस्तार और परिवर्तन का प्रमाण?". "लिनियस सोसाइटी की जैविक पत्रिका (अंग्रेज़ी भाषा में). 115 (4): 919–926. डीओआई:10.1111/bij.12538.