महाराजा जवाहर सिंह
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महाराजा जवाहर सिंह (कार्यकाल: 1763–168} भरतपुर राज्य के जाट राजा थे। उनके पिता महराजा सूरजमल के निधन के बाद सन् 1763 ई॰ में उन्हें गद्दी मिली।
प्रारम्भिक जीवन
[संपादित करें]महाराजा जवाहर सिंह का जन्म महाराजा सूरजमल और महारनी गौरी के घर में हुआ। वो सिनसिनवार गोत्र के जाट थे। उन्हें बाद में पलवल महारानी किशोरी (सोलंकी गोत्र) ने गोद ले लिया था।[1] वो चौधरी शोभा सिंह बयाना की 22वीं पीढ़ी थे। शोभा सिंह ने 12वीं सदी में वहाँ के काला को हराकर सिनसिनी वंश की स्थापना की थी।[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ मीणा, आर पी. RPSC RAS Prelims: History of Rajasthan Complete Study Notes With MCQ (अंग्रेज़ी में). न्यू एरा पब्लिकेशन्स.
- ↑ द्विवेदी, गिरिश चन्द्र; प्रसाद, इश्वरी (1989). The Jats, Their Role in the Mughal Empire (अंग्रेज़ी में). आर्नोल्ड पब्लिशर्स. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7031-150-8.
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