महामहोपाध्याय सिद्धेश्वर शास्त्री चित्तराव
महामहोपाध्याय सिद्धेश्वर शास्त्री चित्तराव संस्कृत के एक महान विद्वान थे। उन्हें महामहोपाध्याय एवं विद्यानिधि की उपाधि से अलंकृत किया गया था। उन्होंने धार्मिक विषयों पर बहुत ग्रंथ संपदा लिखी थी। उन्होंने श्रीधर व्यंकटेश केतकर के विश्वकोष – 'ज्ञानकोष' के लिए अपने प्रभुत्व स्थापित विषयों में सम्पादन कार्य किये। १९२६-१९२७ में इन्होंने सर्वप्रथम ऋगवेद संहिता का मराठी अनुवाद निकाला। इन्होंने शुद्धि के लिए संस्कार बनाए। साथ ही इस काम के लिए एक मराठी मुखबन्ध भी लिखा। इन्होंने महाराष्ट्र में शुद्धि आन्दोलन के लिए प्रोत्साहन कार्य किए। १९२४-१९३३ तक ये पुणे शहर हिन्दू सभा के अध्यक्ष रहे। बाद में इन्होंने भारतीय चरित्रकोष मंडल की स्थापना की जिसके द्वारा इन्होंने प्राचीन एवं आधुनिक व्यक्तित्वों की आत्मकथाएं तैयार कीं। पुणे में आई बाढ़ के दौरान अमृतेश्वर मंदिर के शिखर पर चढ़ कर अपनी जीवन रक्षा की।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- सावरकर के साथी – सावरकर के जालस्थल पर।