महदहा पुरातात्विक स्थल

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

महदहा पुरातात्विक स्थल[संपादित करें]

महादहा पुरातात्विक संबंधी स्थल है उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील में स्थित है। यहां सराय नाहर, चोपन ,माण्डो दमदम नाम के पाषाण युगीन संस्कृति के महत्वपूर्ण स्थल है।

 माना जाता है कि वहां खुदाई में 11 से 12 फीट लंबे नर कंकाल मिले जो कि करीब 10000 वर्ष पुराने हैं

लोक कथाओं के अनुसार महदाह नहर की खुदाई के दौरान एक मजदूर का फावड़ा किसी कठोर वस्तु से टकराया तो वह हैरान रह गया। उसने बारीकी से खुदाई की तो वहां पर एक सामान्य से बहुत ज्यादा बड़े आकार की खोपड़ी निकली जिसको उसने वही फावड़े से उठाकर फेंक दिया। और वहां से गुजर रहे एक चरवाहे ने उस खोपड़ी को खेल-खेल में अपनी लाठी में फंसा लिया और घर ले आया। जब गांव में इसकी चर्चा हुई तो गांव के ही चौकीदार ने पुलिस को सूचना दे दी ।बाद में पुलिस बल जिलाधिकारी और पुरातत्व विभाग आया और मशीन से जांच के बाद वहां उत्खनन शुरू हुआ। खुदाई में अधिकतम 11 से 12 फुट के नर कंकाल, उनके मुकुट,आभूषण व हीरे जड़ित मुकुट बंद तलवारे आदि मिले। बताते हैं कि खुदाई में निकले नर कंकालों की उंगलियां किसी युवा बच्चे की कलाई की मोटाई बराबर थी।

उत्खननकर्ता[संपादित करें]

महदहा पुरातत्व स्थल की खुदाई वर्ष 1977-78 और 1978-79 में उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर जी आर शर्मा और उनके साथी आर के वर्मा और बीडी मिश्रा के निर्देशन में किया गया

          सामान्य जानकारी

स्थान-पट्टी प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

उत्खनन वर्ष-1978

खोजकर्ता-जीआर शर्मा, आरके वर्मा ,बी डी मिश्र

प्राप्त साक्ष्य[संपादित करें]

  • इस स्थल की खुदाई से लघु उपकरण तो प्राप्त हुए ही साथ ही साथ आवास के साक्ष्य भी मिलते हैं। इस स्थल से 28 कंकाल मिले हैं।
  • यहां से हड्डी के उपकरण और आभूषण मिले हैं ।उपकरण में मृग श्रृंग के छल्ले मिले हैं ।इसके अलावा स्तंभ गर्त और गर्त चूल्हे मिलते हैं।
  • शवाधान प्रक्रिया में किसी किसी समाधि में स्त्री और पुरुष दोनों को एक साथ दफनाए जाने का साक्ष्य मिलता है। समाधियों के पास से ही पत्थर और हड्डी के उपकरण मिलते हैं।
  • यहीं से ही एकल शवाधान,युगल शवाधान और सामूहिक शवाधान के साक्ष्य मिलते हैं। कब्रो में मिले अस्थि पंजर पूर्व पश्चिम दिशा में दफनाए गए थे अर्थात सिर पश्चिम में था।

संबंधित काल[संपादित करें]

इसका संबंध मध्य पाषाण काल से है और यहां से संबंधित कुछ विशेष अवशेष प्राप्त होते हैं

संदर्भ[संपादित करें]

[1] [2] [3]

  1. https://www.pratapgarhup.in/2022/12/mahdaha-patti-pratapgarh.html?m=1
  2. Pratapgarh https://pratapgarh.nic.in Pratapgarh
  3. https://www.lokmatnews.in/blog/india/pratapgarh-mesolithic-period-mahabharata-connection-11-feet-long-skeleton/