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महंत मोहरनाथ

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महंत मोहरनाथ नाथ पंथ संवत् 1922 से संवत् 1935 में तीसरे महंत बने थे। अस्थल बोहर स्थान पर बाबा मस्तनाथ ने घोर तपस्या की और इसका जीर्णोद्धार करके ‘अस्थल बोहर मठ’ की स्थापना की।[1][2]

मठ के अभी तक के महंत

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  1. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 8 मई 2019. Retrieved 8 मई 2019.
  2. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 8 मई 2019. Retrieved 8 मई 2019.