महंत मोहरनाथ
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महंत मोहरनाथ नाथ पंथ संवत् 1922 से संवत् 1935 में तीसरे महंत बने थे। अस्थल बोहर स्थान पर बाबा मस्तनाथ ने घोर तपस्या की और इसका जीर्णोद्धार करके ‘अस्थल बोहर मठ’ की स्थापना की।[1][2]
मठ के अभी तक के महंत
[संपादित करें]- महंत तोतानाथ-संवत् 1864 से संवत् 1894
- महंत मेघनाथ-संवत् 1894 से संवत् 1923
- महंत मोहरनाथ-संवत् 1922 से संवत् 1935
- महंत चेतनाथ-संवत् 1935 से संवत् 1963
- महंत पूर्णनाथ-संवत् 1963 से सन् 1939
- महंत श्रेयोनाथ-सन् 1939 से सन् 1985
- महंत चांदनाथ-सन् 1985 से 2018
- महंत बालकनाथ- सन् 2018 से अभी तक
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 8 मई 2019. Retrieved 8 मई 2019.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 8 मई 2019. Retrieved 8 मई 2019.