मल्लभूम राज्य
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मल्लभूम |
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राजधानी | लौग्राम प्रद्युम्नपुर बिष्णुपुर | |
धर्म | हिन्दू धर्म | |
सरकार | राजतंत्र |
मल्लभूम, बिष्णुपुर के मल्ल राजाओं द्वारा शासित एक राज्य था जिसके अन्तर्गत आज का बाँकुड़ा जिला (पश्चिम बंगाल) आता है।
शासक
[संपादित करें]मल्ल शासकों ने अपना स्वयं का संवत्सर आरम्भ किय जिसे 'मल्लाब्द' कहते हैं। कहा जाता है कि मल्लाब्द का आरम्भ इन्द्र द्वादशी से हुआ। [1]
Sl.
क्रमांक |
राजा [2][3] | ग्रेगरी सम्वत् | बंगाली सम्वत् | मल्ल सम्वत् | राज्य-अवधि
(वर्ष) |
---|---|---|---|---|---|
1 | आदि मल्ल (रघुनाथ मल्ल) | 694 | 102 | 1 | 16 |
2 | जय मल्ल | 710 | 117 | 16 | 10 |
3 | बेणु मल्ल | 720 | 127 | 26 | 13 |
4 | किनू मल्ल | 733 | 140 | 39 | 9 |
5 | इन्द्र मल्ल | 742 | 149 | 48 | 15 |
6 | कानू (कालू) मल्ल | 757 | 164 | 63 | 7 |
7 | Dha (Jhau) Malla | 764 | 171 | 70 | 11 |
8 | शूर मल्ल | 775 | 182 | 81 | 20 |
9 | कनक मल्ल | 795 | 202 | 101 | 12 |
10 | कन्दर्प मल्ल | 807 | 214 | 113 | 21 |
11 | सनातन मल्ल | 828 | 235 | 134 | 13 |
12 | खड़ग मल्ल | 841 | 248 | 147 | 21 |
13 | दुर्जन (दुर्जय) मल्ल | 862 | 269 | 168 | 44 |
14 | यादव मल्ल | 906 | 313 | 212 | 13 |
15 | जगन्नाथ मल्ल | 919 | 326 | 225 | 12 |
16 | विराट मल्ल | 931 | 338 | 237 | 15 |
17 | महादेव मल्ल | 946 | 353 | 252 | 31 |
18 | दुर्गादास मल्ल | 977 | 384 | 283 | 17 |
19 | जगत मल्ल | 994 | 401 | 300 | 13 |
20 | अनन्त मल्ल | 1007 | 414 | 313 | 8 |
21 | रूप मल्ल | 1015 | 422 | 321 | 14 |
22 | सुन्दर मल्ल | 1029 | 436 | 335 | 24 |
23 | कुमुद मल्ल | 1053 | 460 | 359 | 21 |
24 | कृष्ण मल्ल | 1074 | 481 | 380 | 10 |
25 | रूप मल्ल द्वितीय (झाप मल्ल) | 1084 | 491 | 390 | 13 |
26 | प्रकाश मल्ल | 1097 | 504 | 403 | 5 |
27 | प्रताप मल्ल | 1102 | 509 | 408 | 11 |
28 | सुन्दर मल्ल | 1113 | 520 | 419 | 16 |
29 | सुखमय मल्ल (शुक मल्ल) | 1129 | 536 | 435 | 13 |
30 | बनमाली मल्ल | 1142 | 549 | 448 | 14 |
31 | यदु मल्ल | 1156 | 563 | 462 | 11 |
32 | जीवन मल्ल | 1167 | 574 | 473 | 13 |
33 | राम क्षेत्र मल्ल | 1185 | 592 | 491 | 24 |
34 | गोविन्द मल्ल | 1209 | 616 | 515 | 31 |
35 | भीम मल्ल | 1240 | 647 | 546 | 23 |
36 | कटर मल्ल (खट्टर मल्ल) | 1263 | 670 | 569 | 32 |
37 | पृथ्वी मल्ल | 1295 | 702 | 601 | 24 |
38 | तप मल्ल | 1319 | 726 | 625 | 15 |
39 | दीनबधु मल्ल (दीनू) | 1334 | 741 | 640 | 11 |
40 | कीनू मल्ल द्वितीय | 1345 | 752 | 651 | 13 |
41 | शूर मल्ल द्वितीय | 1358 | 765 | 664 | 12 |
42 | शिव सिंह मल्ल | 1370 | 777 | 676 | 37 |
43 | मदन मल्ल | 1407 | 814 | 713 | 13 |
44 | दुर्जन (दुर्जय) मल्ल द्वितीय | 1420 | 827 | 726 | 17 |
45 | उदय मल्ल | 1437 | 844 | 743 | 23 |
46 | चन्द्र मल्ल | 1460 | 867 | 766 | 41 |
47 | वीर मल्ल | 1501 | 908 | 807 | 53 |
48 | धारी मल्ल | 1554 | 961 | 860 | 11 |
49 | हम्बीर मल्ल देव (वीर हम्बीर) | 1565 | 972 | 871 | 55 |
50 | धारी हम्बीर मल्ल देव | 1620 | 1027 | 926 | 6 |
51 | रघुनाथ सिंह देव | 1626 | 1033 | 932 | 30 |
52 | वीर सिंह देव | 1656 | 1063 | 962 | 26 |
53 | दुर्जन सिंह देव | 1682 | 1089 | 988 | 20 |
54 | रघुनाथ सिंह देव द्वितीय | 1702 | 1109 | 1008 | 10 |
55 | गोपाल सिंह देव | 1712 | 1119 | 1018 | 36 |
56 | चैतन्य सिंह देव | 1748 | 1155 | 1054 | 53 |
57 | माधव सिंह देव | 1801 | 1208 | 1107 | 8 |
58 | गोपाल सिंह देव द्वितीय | 1809 | 1216 | 1115 | 67 |
59 | रामकृष्ण सिंह देव | 1876 | 1283 | 1182 | 9 |
ध्वजा मणि देवी | 1885 | 1292 | 1191 | 4 | |
60 | नीलमणि सिंह देव | 1889 | 1296 | 1195 | 14 |
कोई |राजा नहीं |
1903 | 1310 | 1209 | 14 | |
61 | कालीपद सिंह ठाकुर | 1930–1983 | 1337 – 1390 | 1236–1289 | 53 |
मल्लभूम के मन्दिर
[संपादित करें]भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्वी भाग के अध्यक्ष डॉ ब्लॉक के अनुसार १२ मन्दिरों का निर्माण निम्नलिखित क्रम में हुआ था:[4]
मल्लाब्द में तिथि | ईसवी | मन्दिर का नाम | निर्माता शासक |
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928 | 1622 | मल्लेश्वर | वीर सिंह, रघुनाथ सिंह का पुत्र |
949 | 1643 | श्याम राय | रघुनाथ सिंह |
961 | 1655 | जोड़ बाङ्ला | रघुनाथ सिंह |
962 | 1656 | काला चाँद | रघुनाथ सिंह |
964 | 1658 | लालजी | वीर सिंह |
971 | 1665 | मदन गोपाल | शिरोमणि (वीर सिंह की पत्नी) |
971 | 1665 | मुरली मोहन | चूड़ामणि / शिरोमणि देवी (वीर सिंह की पत्नी) |
1000 | 1694 | मदन मोहन | दुर्जन सिंह |
1032 | 1726 | जोड़ मन्दिर | गोपाल सिंह |
1035 | 1729 | राधा गोविन्द | कृष्ण सिंह, गोपाल सिंह का पुत्र |
1043 | 1737 | राधा माधव | चूडामणि |
1064
(शक 1680) |
1758 | राधा श्याम | चैतन्य सिंह |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Dasgupta 2009, पृ॰ 19.
- ↑ Dasgupta 2009, पृ॰ 31-43.
- ↑ Mallik, Abhaya Pada (1921). History of Bishnupur-Raj: An Ancient Kingdom of West Bengal (the University of Michigan संस्करण). Calcutta. पपृ॰ 128–130. मूल से 12 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 March 2016.
- ↑ "Bankura Gazetteer CHAPTER XIV" (PDF). bankura.gov.in. Government of West Bengal. पृ॰ 185. मूल (PDF) से 29 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 February 2016.