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मनुष्य मातृवंश समूह

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अगर आप मातृवंशीय सामाजिक व्यवस्था के बारे में जानकारी ढूंढ रहें हैं तो कृपया मातृवंश का लेख देखिये

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह उस वंश समूह या हैपलोग्रुप को कहते हैं जिसका किसी भी व्यक्ति (स्त्री या महिला) के माइटोकांड्रिया के गुण सूत्र पर स्थित डी॰एन॰ए॰ की जांच से पता चलता है। अगर दो व्यक्तियों का मातृवंश समूह मिलता हो तो इसका अर्थ होता है के उनकी हजारों साल पूर्व एक ही महिला पूर्वज रही है, चाहे आधुनिक युग में यह दोनों व्यक्ति अलग-अलग जातियों से सम्बंधित ही क्यों न हों।

अन्य भाषाओँ में

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अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

मुख्य मातृवंश समूह

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मातृसमूह वृक्ष

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समय से साथ-साथ कभी किसी व्यक्ति के डी॰एन॰ए॰ में ऐसा बदलाव आता है जो आने वाली पीढ़ियों के डी॰एन॰ए॰ में हमेशा के लिए आसानी से पहचाने जाने वाले चिन्ह छोड़ जाता है। जब ऐसा होता है तो उस वंश समूह के सदस्य से एक नया उपवंश समूह आरम्भ होता है। मनुष्य जाती अफ़्रीका से शुरू हुई और उस पहले वंश समूह से नए वंश समूहों की शाखाएँ बनती जा रही हैं। यह वृक्ष दिखता है के कौनसा मातृवंश समूह किस दुसरे मातृवंश समूह की संतान है।

सर्वप्रथम मातृवंशी नारी (मातृवंश समूह L)

मातृवंश समूह L0



मातृवंश समूह L1



मातृवंश समूह L2


मातृवंश समूह L3
मातृवंश समूह M
मातृवंश समूह CZ

मातृवंश समूह C



मातृवंश समूह Z




मातृवंश समूह D



मातृवंश समूह E



मातृवंश समूह G



मातृवंश समूह Q



मातृवंश समूह N

मातृवंश समूह A



मातृवंश समूह S


मातृवंश समूह R

मातृवंश समूह B



मातृवंश समूह F


मातृवंश समूह R0
मातृवंश समूह HV

मातृवंश समूह H



मातृवंश समूह V




मातृवंश समूह pre-JT
मातृवंश समूह JT

मातृवंश समूह J



मातृवंश समूह T





मातृवंश समूह P


मातृवंश समूह U

मातृवंश समूह K





मातृवंश समूह I



मातृवंश समूह W



मातृवंश समूह X



मातृवंश समूह Y





मातृवंश समूह L4



मातृवंश समूह L5



मातृवंश समूह L6




इन्हें भी देखें

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