मनियार सिंह

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मनियार सिंह हिन्दी के कवि है।

मनियारसिंह जन्म वाराणसी में संवत् 1807 विक्रमी के लगभग हुआ। इनके पिता का नाम श्यामसिंह था। "हनुमत् छबीसी" नामक रचना से ज्ञात होता है कि इन्होंने कुछ समय बलिया में भी बिताया था। रामचंद्र पंडित इनके प्रमुख आश्रयदाता और कृष्णलाल इनके काव्यगुरु थे। रचनाओं में कवि ने कहीं-कहीं "यार" उपनाम का भी प्रयोग किया है।

कृतियाँ[संपादित करें]

अब तक इनके कुल चार ग्रंथ उपलब्ध हुए हैं--

  • (1) "सौंदर्यलहरी" (रचनाकाल संवत् 1843),
  • (2) "महिम्नभाषा" या "भावार्थचंद्रिका" (संवत् 1853),
  • (3) हनुमत् छब्बीसी और
  • (4) सुंदरकांड रामायण