मध्यमिका

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मध्यमिका राजस्थान, भारत में चित्तौड़ के निकट एक प्राचीन नगरी है।

इस नगरी को अब 'नगरी' के नाम से ही जाना जाता है। एक पुरात्मा वीर यवन ने इस नगरी को घेर लिया था, जो सम्भवत: यवन राजा मीनेंडर था। तीसरी शताब्दी ई.पू. में यह नगर बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान माना जाता था। इसके खण्डहरों में मौर्यकालीन भवन के कुछ चिह्न तथा शुंग काल के दो शिलालेख प्राप्त हुए हैं। इन शिलालेखों में अश्वमेध तथा वाजपेय यज्ञों का उल्लेख है।