मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव, 2018
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव २०१८ मध्यप्रदेश राज्य की १५वीं विधानसभा के निर्वाचन हेतु २८ नवंबर, २०१८ को एकमेव चरण में सम्पन्न हुए। इन चुनावों का परिणाम ११ दिसंबर, २०१८ को चार अन्य राज्यों यथा राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम के चुनाव परिणामों के साथ घोषित किए गए। इन चुनावों के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति निर्मित हुई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने सदन के सबसे बड़े दल होने के नाते बसपा, सपा एवं निर्दलीयों के सहयोग से राज्य में सरकार का गठन किया; इसी के साथ राज्य में पिछले १५ वर्षों से निरंतर चल रहे भारतीय जनता पार्टी के शासन का अंत हुआ।
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मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी २३० सीटें बहुमत के लिए चाहिए ११६ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मतदान % | ७५.०५% | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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परिणाम[संपादित करें]
राजनैतिक दल | प्राप्त मत | सीटें | |||||
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# | % | ± | लड़ीं | जीतीं | +/− | ||
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1,55,95,153 | 40.9 | ![]() |
229 | 114 | ![]() | |
भारतीय जनता पार्टी | 1,56,42,980 | 41 | 3.88![]() |
230 | 109 | 56![]() | |
बहुजन समाज पार्टी | 19,11,642 | 5 | 1.29![]() |
227 | 2 | 2![]() | |
समाजवादी पार्टी | 4,96,025 | 1.3 | ![]() |
50 | 1 | ![]() | |
निर्दलीय | 22,18,230 | 5.8 | ![]() |
- | 4 | ![]() | |
उपरोक्त से कोई नहीं (NOTA) | 5,42,295 | 1.4 | |||||
कुल | 100.00 | 230 |
राजनैतिक संकट २०२०[संपादित करें]
मध्यप्रदेश में उपचुनाव उस समय आवश्यक हो गए जब मार्च २०२० में कांग्रेस पार्टी के ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 6 मंत्रियों सहित 22 विधायकोंं ने कमल नाथ सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए विधायक पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा मे शामिल हो गए। बाद में 3 और विधायक भाजपा मे शामिल हो गए तथा 3 सीटें विधायकों के निधन से ख़ाली हो गई।[1] [2]
१० नवंबर को आए नतीजों में २८ में से भाजपा को १९ तथा कांग्रेस को ९ सीटों पर जीत मिली। इस प्रकार आठ महीने पुरानी शिवराज सरकार को सदन में स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो गया।