मथुरा के पेड़े

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Peda sweet

मथुरा का पेड़ा एक भारतीय मिठाई है जिसका उद्भव मथुरा शहर से हुआ है। मावा या खोआ से बनी मिठाइयाँ उत्तर भारत मे बहुत लोकप्रिय हैं तथा पेड़ा मावे से बनने वाली मिठाई है।[1] भारत मे मथुरा के पेड़े इस कदर प्रसिद्ध हैं कि यह शब्द भाषा मे अलंकार के रूप मे प्रयुक्त होता है जैसे कि "मथुरा का पेड़ा औ छत्तीसगढ़ का खेड़ा"।[2] पेड़े के लिए मथुरा एक ट्रेडमार्क है।[3] मथुरा भ्रमण के दौरान मथुरा के पेड़े, मेवा वाटी पेड़े व निर्यात क्वालिटी के पेड़े आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करते हैं।[4]

जन्माष्टमी भोग[संपादित करें]

कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में पेड़ा लोकप्रिय प्रसाद है।. पेड़े को ताजे मावे, दूध, चीनी व घी में सुवास हेतु कालीमिर्च चूर्ण मिलाकर बनाया जाता है।[5] भारत में जन्माष्टमी की छुट्टियाँ पेड़े के स्वाद के बिना अधूरी मानी जाती हैं। हर साल जन्माष्टमी पर पेड़े बनते हैं जिनसे भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है तथा व्रत खंडन पेड़े से ही किया जाता है।.[6]

सार्वभौमिक प्रसिद्धि[संपादित करें]

मथुरा के अलावा अन्य भारतीय पर्यटन शहरों में भी मथुरा के पेड़े, आगरा का पेठा व मनेर के लड्डू पर्यटकों में खासे लोकप्रिय व्यंजन हैं।[7]

लोकगायन रस[संपादित करें]

भारतीय लोक गायन में भी मथुरा के पेड़ों का स्वाद देखने को मिलता है। "मथुरा के पेड़े मोहे लावे, खिलावे जी......." संद पूजन गीत के रूप में अति लोकप्रिय है।[8][9]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ सूत्र[संपादित करें]

  1. Sanjeev Kapur. Mithai. Popular Prakashan. पपृ॰ Author's Note. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788179917121. मूल से 28 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2016.
  2. Madhya Pradesh (India) (1965). Madhya Pradesh district gazetteers, Volume 1. Govt. Central Press. पृ॰ 107. मूल से 28 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2016.
  3. John Napier (2013). They Sing the Wedding of God: An Ethnomusicological Study of the Mahadevji ka byavala as Performed by the Nath-Jogis of Alwar. McFarland. पृ॰ 175. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781476602134. मूल से 28 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2016.
  4. Kavita Kanan Chandra (March 11, 2015). "Love and Lord Krishna". Kavita Kanan Chandra. India Currents. मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 January 2016.
  5. Seema Mattoo (Sep 4, 2015). "What each region prepares for Krishna on his birthday". Seema Mattoo. Times of India. मूल से 10 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 January 2016.
  6. Sapana Behl. "Mathura ke Pede". Sapana Behl. Indian Simmer. मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 January 2016.
  7. Saransh Goela (2015). India on my Platter. Om Books International. पपृ॰ Day 83. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789383202041. मूल से 30 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2016.
  8. Folk-lore, Volume 13. Indian Publications. 1972. पृ॰ 260. मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2016.
  9. Satya Prakash Arya (1975). A Sociological Study of Folklore: Projected Research in Kuru Region (Saharanpur, Muzaffarnagar, Meerut, Bulandshahar, and Bijnor Districts of Western Uttar Pradesh). Indian Publications. पृ॰ 102. मूल से 30 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2016.