मढ़ी का दीवा

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मढ़ी का दीवा गुरदयाल सिंह का पंजाबी उपन्यास है। इस कृति का आधार भानी और जगसीर का प्रेम है। उनका यह प्रेम अश्लीलता की हद को नहीं छूता है।

पात्र[संपादित करें]

  • जगसीर
  • भानी
  • नन्दी[1]- जगसीर की माँ
  • निक्का- भानी का पति
  • घीलू, गेबू- जगसीर के यार

संदर्भ[संपादित करें]

  1. गुरदयाल, सिंह (2002). मढ़ी का दीवा. पंचकूला, हरियाणा: आधार प्रकाशन. पृ॰ 7.