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मज्म उल बहरैन

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मज्म उल बहरैन, समुद्र संगम
Close-up of yellowed title page in an old book: "Gitanjali (Song Offerings) by Rabindranath Tagore. A collection of prose translations made by the author from the original Bengali with an introduction by W. B. Yeats. Macmillan and Co., Limited, St. Martin's Street, London, 1913."
मज्म उल बहरैन का मुख पृष्ट
लेखकदारा शुकोह
मूल शीर्षकمجمع البحرین
भाषाफ़ारसी,
विषयसूफ़ीवाद
शैलीगद्य
प्रकाशन तिथि1654-55
प्रकाशन स्थानमुग़ल साम्राज्य

मज्म उल बहरैन ( हिंदी : मज्म 'उल बह् रैन', उर्दू : مجمع البحرین , "दो समुद्रों का संगम") दारा शुकोह द्वारा लिखित तुलनात्मक धर्म पर एक पुस्तक है। [1][2][3] यह सूफ़ी और वेदांतिक अटकलों के बीच रहस्यमय और बहुलवादी समानताओं के एक रहस्योद्घाटन के लिए समर्पित थी। .[4][5] यह धर्मों की विविधता और इस्लाम और हिंदू धर्म और अन्य धर्मों की एकता दोनों का पता लगाने के लिए सबसे शुरुआती कार्यों में से एक थी। [6][7] यह पुस्तक 1654-55 में फारसी में एक संक्षिप्त ग्रंथ के रूप में लिखी गई थी। [8][9] इसके हिंदी संस्करण को समुद्र संगम ग्रंथ कहा जाता है। [10][11][12]

मुग़ल साम्राट शाहजहां अजमेर शरीफ़ में हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के मज़ा पर जाकर सलामी देता है और मन्नत मांगता है कि उसकी नरीन औलाद हो, उसकी दुआ क़बूल होकर दारा शिकोह का जन्म होता है। दारा बड़ा ही फ़क़ीर किसम का आदमी था। उसकी रुची ज्ञानअर्जन की थी। वह सूफी तरीके का था। वह कादरिया तरीके को मानता था जो ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का था।

दारा ने कई ग्रन्धों को पढ़ा और सूफी तत्व को सही मानता था। इस की छः मशहूर किताबें थीं। सफीनतुल औलिया, स्कीन्तुल औलिया, रिसाला इ हक़ नुमा, हसनितुल आरफीन, मजम उल बहरैन और उपनिषद।

इस की मज्म उल बहरैन काफी मशहूर हुई और मुग़ल कालीन किताबों में एक अहम् किताब मानी जाती है।

इस किताब में दारा ने यह कोशिश की कि इस्लाम और हिन्दू धर्म दोनों को समझते हुवे इन धर्मों के सार को लोगों के सामने प्रस्तुत करें। इस किताब में दारा का यह भी कहना था कि चार वेदों में भी एकेश्वरवाद मौजूद है, जैसा कि क़ुरान में है। इस समानता को प्रकट करते हुवे मुसलमानो और हिंदुओं के बीच वैचारिक समानता को ज़ाहिर करना चाहा।

यह किताब फ़ारसी भाषा में लिखी गयी थी। इस के नुसके एशियाटिक सोसाइटी ग्रंधालय बंगाल, असाफ़िया ग्रंढालय हैदराबाद दक्कन, खुदा बक्श खान ग्रंढालय पटना, रामपुर स्टेट ग्रंधालय रामपुर, विक्टोरिया मेमोरियल हाल कोलकता में देखे जासकते हैं। [13]

इस किताब का अनुवाद फ़ारसी से कई भाषाओं में हुआ है। अंतरजातीय भाषाएँ जैसे अंग्रेज़ी, हिंदी, उर्दू, अरबी, और अन्य भाषाओं में भी किया गया है।

हिंदी में समुद्र संगम के रूप में नामित मज्म उल बहरैन
हिंदी में समुद्र संगम के रूप में नामित मज्म उल बहरैन 
विक्टोरिया स्मारक के पोर्ट्रेट गैलरी में पांडुलिपि संग्रह में मज्म उल बहरैन का एक पृष्ठ।.
विक्टोरिया स्मारक के पोर्ट्रेट गैलरी में पांडुलिपि संग्रह में मज्म उल बहरैन का एक पृष्ठ।. 

सन्दर्भ

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  1. "Prince of peace". Archived from the original on 6 मई 2018. Retrieved 2 मई 2018.
  2. "Emperor's old clothes". Archived from the original on 22 अक्तूबर 2018. Retrieved 2 मई 2018. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  3. "Why We Should Oppose the Aurangzebing of Aurangzeb - The Wire". thewire.in. Archived from the original on 24 दिसंबर 2016. Retrieved 2016-11-19. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  4. "Lahore's iconic mosque stood witness to two historic moments where tolerance gave way to brutality". Archived from the original on 27 अगस्त 2016. Retrieved 2 मई 2018.
  5. MAJMA' UL BAHARAIN or The Mingling Of Two Oceans, by Prince Muhammad Dara Shikoh, Edited in the Original Persian with English Translation, notes & variants by M.Mahfuz-ul-Haq, published by The Asiatic Society, Kolkata, Bibliotheca Indica Series no. 246, 1st. published 1929. See also this Archived 2009-09-09 at the वेबैक मशीन book review by Yoginder Sikand, indianmuslims.in.
  6. "On the road with the 'good' Mughal". Archived from the original on 20 अप्रैल 2018. Retrieved 2 मई 2018.
  7. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 19 अप्रैल 2018. Retrieved 2 मई 2018.
  8. "A dangerous influence: Modi govt under RSS control". Archived from the original on 3 मार्च 2018. Retrieved 2 मई 2018.
  9. Sitaram Yechury. "Why repeat Vajpayee's slogans when you do not have his credibility?: Sitaram Yechury". scroll.in. Archived from the original on 12 जनवरी 2017. Retrieved 2016-11-19.
  10. "The Tradition of Indo-Persian Literature". Archived from the original on 22 अक्तूबर 2018. Retrieved 2 मई 2018. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  11. "मज्म 'उल बह् रैन' (समुद्र संगम:) -Majma Ul Bahrain". exoticindiaart.com. Archived from the original on 22 अक्तूबर 2018. Retrieved 2016-11-19. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  12. "समुद्र संगम - भोला शंकर व्यास Samudra Sangam - Hindi book by - Bhola Shanker Vyas". pustak.org. Archived from the original on 20 नवंबर 2016. Retrieved 2016-11-19. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  13. "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived from the original (PDF) on 17 मई 2018. Retrieved 4 मई 2018.