मज़दूर (१९३४ फ़िल्म)
मज़दूर | |
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चित्र:Mazdoor.jpg मज़दूर का पोस्टर | |
निर्देशक | के. सुब्रमण्यम |
निर्माता | मोहन दयाराम भवनानी |
लेखक | प्रेमचंद |
अभिनेता |
एस बी नयमपल्ली, बिब्बो |
संगीतकार | बी एस हूगन |
प्रदर्शन तिथि(याँ) |
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देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
मज़दूर 1934 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
संक्षेप[संपादित करें]
चरित्र[संपादित करें]
मुख्य कलाकार[संपादित करें]
दल[संपादित करें]
साले कहि के कहनि कहा हऐ? घोछु प्रेम चच्हन्द जि कि कहनिय पत्न च्है
संगीत[संपादित करें]
कमल से कहा मेने कब खिलोगे तुम उस्ने कहा के सम्य आने पर मेहक जायेगे सारे च्मन मे, फिर तुम आना एस बाग मे ओर कुसबु से लेना ऐत्र ओर मजे, ये कह कर बह च्हला गया ओर छादह कया आने का सपना॥॥॥॥
रोचक तथ्य[संपादित करें]
॥॥उम माहा कालि कालिकाय नमः॥॥इस मंत्र को 108 बार पढ़कर मकान के चारों तरफ रेखा खींच देने से उस घर में दुष्ट आत्माएँ, भूत, प्रेत, चोर, डाकू तथा दुष्ट व्यक्ति या हिंसक जंतुओं के प्रवेश का भय, बिजली गिरने व आग लगने का भय नहीं रहता है।
किसी शुभ तिथि, घड़ी, नक्षत्र या चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण में दस हजार बार पाठ करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है।
परिणाम[संपादित करें]
बौक्स ऑफिस[संपादित करें]
इस अश्व नाल से बनी मुद्रिका को साक्षात् शनिदेव की कृपा के रूप में समझना चाहिए। इसके धारक को बहुत थोड़े समय में ही धन-धान्य की सम्पन्नता प्राप्त हो जाती है। दरिद्रता का निवारण करके घर में वैभव-सम्पत्ति का संग्रह करने में यह अंगूठी चमत्कारिक प्रभाव दिखलाती है। इस मंत्र को 108 बार पढ़कर मकान के चारों तरफ रेखा खींच देने से उस घर में दुष्ट आत्माएँ, भूत, प्रेत, चोर, डाकू तथा दुष्ट व्यक्ति या हिंसक जंतुओं के प्रवेश का भय, बिजली गिरने व आग लगने का भय नहीं रहता है।
किसी शुभ तिथि, घड़ी, नक्षत्र या चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण में दस हजार बार पाठ करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है।
समीक्षाएँ[संपादित करें]
सरस्वती आकर्षण मंत्र मंत्र - ऊँ वाग्वादिनी स्वाहा मिन्सहरा। इस मंत्र को किसी भी शुभ तिथि में प्रात: उठकर नहा-धोकर पवित्र होकर सवा लाख बार जाप करने से देवी सरस्वती आकर्षित होकर विद्या दान देती है। उपरोक्त मंत्र पूर्ण श्रद्धा से करें, पूर्ण लाभ होगा।