मंडितपुत्र

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मंडितपुत्र भगवान महावीर के ६ वें गणधर थें। इन्के साथ ३५० शिष्यो ने भी भगवान महावीर की दीक्षा अंगिकार की थी।[1][2]

मंडितपुत्र की शंका[संपादित करें]

प्रत्येक गणधर को अपने ज्ञान में कोई ना कोई शंका थी, जिसका समाधान भगवान महावीर ने किया था, मंडितपुत्र के मन में शंका थी कि, आत्मा का बंधन और मोक्ष होता है या नहीं ?

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. JaineLibrary, Anish Visaria. Search, Seek, and Discover Jain Literature. अभिगमन तिथि 9 दिसम्बर 2021.
  2. "मंडितपुत्र. प्रत्येक गणधर को अपने ज्ञान में कोई ना कोई शंका थी, जिसका समाधान भगवान महावीर ने किया था, मंडितपुत्र के मन में शंका थी कि, आत्मा का बंधन और मोक्ष हो". in.xn--80apjujj2d.pp.ua. मूल से 9 दिसंबर 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 दिसम्बर 2021.