भू-क्षरण
दिखावट
इस लेख में अनेक समस्याएँ हैं। कृपया इसे सुधारने में मदद करें या वार्ता पृष्ठ पर इन समस्याओं पर चर्चा करें।
|
भूमि के कणों का अपने मूल स्थान से हटने एवं दूसरे स्थान पर एकत्र होने की क्रिया को भू-क्षरण या मृदा अपरदन कहते हैं!
- आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में उपलब्ध कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग आधा क्षेत्रफल जल एवं वायु क्षरण से प्रभावित है !
- भू-क्षरण के कारण नदी, नालों व समुद्रों में रेत व मिट्टी जमा होने कारण वे उथली हो रही हैं जिसके फलस्वरूप बाढ एवं पर्यावरण की समस्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है!
- भू-क्षरण के फलस्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन क्षमता घट जाती है जो देश की अर्थ व्यवस्था कमजोर करती है!
यदि हम लोग अपने खेत में भू क्षरण होने देते है तो हमारा ही नहीं बल्कि सब लोगों का नुकसान होगा ।
यह पृष्ठ किसी भी श्रेणी में नहीं डाला गया है। कृपया इसमें श्रेणियाँ जोड़कर सहायता करें ताकि यह सम्बन्धित पृष्ठों के साथ सूचीबद्ध हो सके। (दिसम्बर 2022) |
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
श्रेणियाँ:
- लेख जो नवम्बर 2016 से एकाकी हैं
- लेख जिनमें नवम्बर 2016 से शैली के लिए संपादन की आवश्यकता है
- लेख जिनमें नवम्बर 2016 से प्रसंग की आवश्यकता है
- लेख जिनकी नवम्बर 2016 से भूमिका ठीक नहीं है
- लेख जो नवम्बर 2016 से बन्द सिरा हैं
- लेख जिन्हें नवम्बर 2016 से विकिफ़ाइ करने की आवश्यकता है
- पृष्ठ जो दिसम्बर 2022 से श्रेणीहीन हैं