भूपाल सिंह छंतेल मगर

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नायब सूबेदार भूपाल सिंह छंतेल मगर को 2014 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। वे भारतीय थलसेना की रैजिमेंट एस/5 गोरखा राइफल्स में हैं।[1]

साहस गाथा[संपादित करें]

31 अगस्त 2013 को कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर एक महत्वपूर्ण भाग की चौकीदारी करते समय नायब सूबेदार भूपाल सिंह छंतेल मगर की नजर हथियारबंद आतंकवादियों की गतिविधियों पर गई। त्वरित गति से निर्णय लेते हए भूपाल सिंह गोलीबारी के बीच उबड़-खाबड़ जमीन और पत्थरों से ओट लेते हुए आतंकवादियों के निकट पहुंच गए। इस साहसी सैनिक ने मजबूत इरादे दिखाते हए लंबे समय तक गोलीबारी की तथा एक आतंकवादी को मार गिराया और एक आतंकवादी को घायल कर दिया। जब घायल आतंकवादी एक बड़े पत्थर के पीछे छिपा हुआ था तब इस साहसी सैनिक ने अपनी जान की परवाह न करते हुए आतंकवादी की ओर बढ़कर उसे मार गिराया।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल से 2 मई 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 2 मई 2014.